राजस्थान में सत्ता परिवर्तन हुए एक महीने से ज्यादा हो चुका है, लेकिन अभी भी राजस्थान में गो तस्करी और मॉब लिंचिंग जैसे अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। अभी भी राजस्थान के अलवर जिले में गो तस्करी और मॉब लिंचिंग के मामले बढ़ते ही जा रहे है। जो कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार में कहती थी कि गो तस्करी और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है, अब वो खुद इन घटनाओं पर चुप है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार नेें इन अपराधों की रोकथाम के लिए अभी तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए या फिर अभी भी सरकार सरकारी तबादले करने में व्यस्त है।
गहलोत सरकार के गठन होने के एक महीने के अंदर गो तस्करी के 14 मामले सामने आये है और 100 से अधिक गायों को बरामद किया गया है, ये हालत सिर्फ अलवर ज़िले के है। वो ही ज़िला जहां से राजस्थान में गो तस्करी जैसे अपराधों की शुरुआत हुई थी मानों वो आज तक थमने का नाम ही नहीं ले रही है। सिर्फ अलवर ज़िले में 1 जनवरी से 20 जनवरी तक 14 मामले दर्ज़ किये जा चुके है जिसमें से 7 से 10 जनवरी के बीच पुलिस के 4 बार कार्रवाई की है जिसमें 51 गोवंश बरामद किये है और 5 गोतस्करों को गिरफ्तार किया है।
अब कल ही कि बात है अलवर ज़िले के उमर खान जो मॉब लिंचिंग के शिकार हुए थे, जिसकी वजह से उनकी मौत 2017 में हो गयी थी उन्हीं के बेटे मकसूद खान सहित 6 गोतस्करों गिरफ्तार हुए है। उल्लेखनीय है कि 2017 में उमर खान को गो तस्करी करते वक़्त कुछ गो रक्षकों ने मार-मारकर उसकी हत्या कर दी थी। उमर खान के बेटे मकसूद खान सहित 6 गोतस्करों ने अपना जुर्म कबूल किया है। खेतड़ी पुलिस ने बताया कि ” ये गोतस्कर अपनी कार से रेकी करते थे और बाद में गायो को ट्रक में भर कर ले जाते थे। साथ ही गो तस्करी को अंजाम देते थे अगर जब गाये नहीं मिलती थी तब वह छोटी- मोटी चोरियों को भी अंजाम देते थे। “
प्रदेश के अजमेर, अलवर, भरतपुर, धौलपुर जैसे जिलों में गो तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे है। पिछले चार सालों में 1000 से ज़्यादा गो तस्करी के मामले दर्ज किये गए है। पिछली सरकार द्वारा 6 गो रक्षक चौकी शुरू की गयी है लेकिन अब संसाधनों के अभाव से ये चौकियां अपराध को लगाम लगाने में बेअसर साबित हो रही है। अब समय आ गया है कि वर्तमान सरकार को इस विषय पर कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए।
Source: Ganesh
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