बीकानेर। विश्व जल दिवस के अवसर पर बुधवार को जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्य के. की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि जल हमारी मूलभूत आवश्यकता है। इसके मद्देनजर जल का सदुपयोग एवं संरक्षण हम सबके लिए बहुत जरूरी है। प्रत्येक गांव में जल सरंक्षण के समुचित उपाय हों। उन्होंने कहा कि जल दिवस जैसे आयोजनों का मूल उद्देश्य सामूहिक प्रयासों से जल के प्रति जागरूकता लाना है।

साथ ही ग्राम को जल आत्मनिर्भर बनाकर पेयजल समस्या का समाधान करना तथा क्षेत्रों में जल संग्रहण एवं संरक्षण कर सिंचाई क्षेत्र को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इसके तहत जल ग्रहण क्षेत्र उपचार, नाला उपचार, लघु सिंचाई योजना के कार्यों की मरम्मत, नवीनीकरण, सुदृढ़ीकरण, जल संग्रहण ढ़ाचों की क्षमता बढ़ाना, पेयजल स्त्रोतों को सुदृढ़ीकरण करने के कार्य हुए एवं ट्यूबवेल, कुएं तथा कृत्रिम भूजल पुनर्भरण संरचनाओं का कार्य, चारागाह विकास एवं वृक्षारोपण कार्य, कृषि क्षेत्र में उत्पादकता वृद्धि हेतु फसल एवं उद्यानिकी की उन्नत विधियों को बढ़ावा देकर फसल चक्र में व्यवसाय खेती को बढ़ावा जैसे कार्य करवाए जाते हैं।

जल संग्रहण के अधीक्षण अभियंता भूपसिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं राजीव गांधी जल संचय योजना के तहत जल सरंक्षण के संबंध में समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 में वर्षा जल संग्रहण एवं संरक्षण के लिए राजीव गांधी जल संचय योजना राज्य के सभी ब्लॉक में स्वीकृत की गई है। जिले में इस योजना के तहत 15 ग्राम पंचायतों के 25 गांव चयनित किए गए हैं। इनमें कृषि, वन, बागवानी, पंचायती राज, ग्रामीण विकास तथा जल संरक्षण विभाग के द्वारा वर्षा जल के संग्रहण एवं सरंक्षण पर कार्य किया जाएगा।

वरिष्ठ भूजल वैज्ञानिक पन्नालाल गहलोत ने जल संरक्षण के क्षेत्र में भूजल विभाग द्वारा किए जाने कार्यों की रूपरेखा बताई।इस दौरान अधीक्षण अभियंता धीर सिंह, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ राजेश हर्ष, एसीएफ कपिल चौधरी, आरओ धर्मपाल चौधरी, सहायक अभियंता सुंदरलाल गोदारा, अधिशाषी अभियंता रामनिवास शर्मा एवं दिलीप तंवर, राजीविका के डीपीएम राजेंद्र प्रसाद विश्नोई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला परिषद के आईसी कोऑर्डिनेटर गोपाल जोशी ने किया।