कोटा 17 अप्रेेल। जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि बाल विवाह दण्डनीय अपराध के साथ पाप भी है, युवाओं के शारीरिक, मानसिक विकास के लिए विवाह की निर्धारित आयु में ही विवाह किए जाएं इसके लिए जन जागरूकता के साथ दण्डनीय प्रावधानों की भी जानकारी लोगों तक पहुंचें।
जिला कलक्टर सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बाल विवाह रोकथाम कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विवाह की उम्र निर्धारित की हुई है इसकी पालना के लिए सरकारी स्तर के साथ-साथ सामाजिक संगठनों एवं गणमान्य नागरिकों को भी आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि बाल विवाह को अभिशाप माना गया है ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि उनके क्षेत्र में बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होने पर ग्राम पंचायत से लेकर जिला स्तर पर जिम्मेदार पदाधिकारी तक सूचना पहुंचाई जाए जिससे समय रहते ऐसे विवाह को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि आगामी अक्षय तृतीय व अबूझ सावों पर ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह किए जाने का अंदेशा रहता है ऐसे में क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों, गांवों में कार्यरत् कार्मिकों को सतत् निगरानी रखकर समय रहते समझाईश करनी है।
जिला कलक्टर ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को निगरानी तंत्र को मजबूत रखने, नियंत्रण कक्ष पर सूचना प्राप्त होते ही त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी धर्म गुरूओं को भी आव्हान किया कि वे अपने स्तर पर बाल विवाह नहीं करने के लिए अपील जारी कर लोगों को जागरूक करें।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं अति. जिला एवं सैशन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रवीण वर्मा ने कहा कि जन प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विधिक सेवा प्राधिकरण भी लगातार सक्रियता से कार्य कर रहा है। लोगों को जागरूक कर विधिक प्रावधानों की जानकारी भी दी जाएगी जिससे युवा अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें। अतिरिक्त कलक्टर शहर बृजमोहन बैरवा ने बताया कि जिला प्रशासन के कन्ट्रोल रूम नं. 0744-2323557 पर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कन्ट्रोल रूम नं. 0744-2940015, 8306002131 पर, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, बाल अधिकारिता विभाग, महिला अधिकारिता विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग पर बाल विवाह की सूचना दी जा सकती है।
चाइल्ड हेल्प लाइन के नोडल यज्ञदत्त हाड़ा ने बाल विवाह रोकथाम के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम एवं किए गए प्रयासों की जानकारी दी। अधिवक्ता भूवनेष शर्मा ने बाल विवाह के लिए दण्डनीय प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया। बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक डॉ. अजीत शर्मा ने विभागीय स्तर पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। कार्यशाला में बाल विवाह रोकथाम के पोस्टरों का विमोचन किया गया।
कार्यशाला में गायत्री परिवार के ट्रस्टी जीडी पटेल, आर्यसमाज के अध्यक्ष अर्जुन देव चड्ढा, गोदावरी धाम सदस्य गौरव सिंह सोडी, गुरूद्वारा अगमगढ साहिब से ज्ञानी गुरूनाम सिंह अम्बालवी, तरूमीद सिंह बेदी, कबीर आश्रय चेतन धाम से संत प्रभाकर दास, भारत स्वाभिमान पंतजली योग से अरविन्द पाण्डेय सहित विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सौरभ तिवारी, उपाधीक्षक घनश्याम मीणा, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष कनिज फातिमा, सदस्य अरूण भार्गव, उप निदेशक महिला अधिकारिता मनोज कुमार मीना, समाज कल्याण ओपी तोषनीवाल सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।