जयपुर। राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार अटका हुआ है। दिल्ली से ग्रीन सिग्नल नहीं मिल रहा है। सियासी जानकार इसके पीछे बड़ी वजह गुटबाजी मानकर चल रहे है। दरअसल, पार्टी का एक धड़ा वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी के खिलाफ है। जबकि मोदी और अमित शाह नए लोगों को चांस देने के पक्ष में बताए जा रहे है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के अटकने की वजह वसुंधरा राजे कैंप ही माना जा रहा है। हालांकि, वसुंधरा राजे पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है।

तीन राज्यों का सरकारी कामकाज ठप
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकारी कामकाज ठप हो गया है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है और राजस्थान में मंत्रिमंडल का गठन होना बाकी है। तीन राज्यों में सरकार बनने के बाद भी एक महीने से सरकारी कामकाज ठप है। तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री ही कामकाज देख रहे हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में खाता आवंटन नहीं हुआ है। कैबिनेट की सूची के बाद अब मंत्रियों के विभागों का फैसला दिल्ली में होगा। तीनों राज्यों के मुख्यमंत्री बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से हर दिन मंत्रियों के खातों की सूची मांगी जाती है। नड्डा ने उन्हें बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली से बाहर हैं। जल्द ही उनसे चर्चा कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

जानिए एमपी का गृह मंत्रालय किसके पास
एमपी में गृह मंत्रालय किसे दिया जाए इस पर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद सिंह पटेल और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय दोनों इस पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। गुरुवार को दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने भी बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। विजयवर्गीय ने कहा है कि मैंने पार्टी के एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत पर इस्तीफा दिया है। मध्य प्रदेश में मंत्री बनने के बाद वह राष्ट्रीय महासचिव का पद छोड़ना चाहते थे।

सोच समझकर उठाया गया कदम
राजस्थान में वसुंधरा राजे समर्थकों के दबाव के कारण मंत्रिमंडल का गठन रुका हुआ है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस संबंध में सोच-समझकर कदम उठा रहे हैं। वे न तो वसुंधरा राजे को नाराज करना चाहते हैं और न ही राज्य की बीजेपी सरकार के लिए कोई खतरा पैदा करना चाहते हैं।

नहीं हो सका है मंत्रिमंडल का गठन
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भविष्य की भूमिका अभी तय नहीं हुई है। लोकसभा चुनाव के लिए चौहान को दक्षिण भारत के कुछ राज्यों का प्रभारी बनाए जाने की चर्चा है।