राजस्थान में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए राजे सरकार पहले से ही प्रयासरत है। इसी बीच एक और अच्छी ख़बर यह है कि यहां जल्द ही 5 महिला शक्ति केंद्र खुलने जा रहे हैं। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए पांच जिलों– धौलपुर, करौली, सिरोही, जैसलमेर और बाड़मेर में वर्ष 2018-19 में महिला शक्ति केंद्र खोले जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति जारी कर दी है।
स्टूडेंट्स को स्वयंसेवक के रूप में जोड़ा जाएगा महिला शक्ति केंद्रों के साथ
महिला शक्ति केंद्रों की स्वीकृति के बारे में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्रालय की ओर से इन केंद्रों के लिए जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए स्थानीय विद्यार्थियों को स्वयंसेवक के रूप में शक्ति केंद्रों के साथ जोड़ा जाएगा। इस योजना के तहत खुलने वाले जिला-स्तरीय महिला केंद्र गांवों, उपखण्ड और राज्य स्तर पर महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की क्रियान्विति के लिए लिंक के रूप में कार्य करेंगे। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना से जुड़े सभी 14 जिलों में भी जिला-स्तरीय महिला शक्ति केंद्र खोले जाएंगे।
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महिला सशक्तिकरण के साथ सामुदायिक विकास में बढ़ेगी भागीदारी: देश के 17 राज्यों के कुल 115 जिलों में खुलने वाले महिला शक्ति केंद्र बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के आधार केंद्र भी बनेंगे। प्रत्येक केंद्र पर तीन व्यक्ति नियुक्त होंगे, जो जिला कलक्टर, संभागीय आयुक्त, जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कानून व्यवस्था लागू करने वाली संस्थाओं, अर्द्धशासकीय संस्थानों तथा अन्य विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर कार्य निष्पादन करेंगे। राजस्थान में महिला शक्ति केंद्रों के खुल जाने के बाद महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार की ओर से पहले से चलाई जा रही योजनाओं को और गति मिल सकेगी और प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ सामुदायिक विकास में उनकी भागीदारी भी बढ़ेगी।
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