आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजस्थान के झुंझुनूं जिले में पधारे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां बेटियां हमारी ‘राजश्री’ अभियान का नारा दिया। अपनी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की तीसरी वर्षगांठ पर इसी योजना का विस्तार किया गया है। साथ ही राष्ट्रीय पोषण मिशन का शुभारंभ भी किया। आखिर मोदीजी की बेटियां हमारी ‘राजश्री’ अभियान क्या है और इसके तहत भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा क्या योजनाएं चलाई जा रही हैं, आइए जानते हैं ….
- ड्रॉप आउट बालिकाओं को फिर से पढ़ाई से जोड़ने के लिए ‘अपना बच्चा, अपना विद्यालय’ और ‘आओ-स्कूल-चलें’ जैसे अभियान
राज्य के सभी स्कूलों व कॉलेजों में लिंग भेद के खिलाफ खड़े होने के लिए शपथ ग्रहण। - स्कूल पहुंचने की राह आसान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 8843 बालिकाओं को स्कूटी और 11.5 लाख बालिकाओं को साइकिलें और 1 लाख 7 हजार से ज्यादा बालिकाओं को ट्रांसपोर्ट वाउचर।
- लिंग परीक्षण रोकने के लिए हर सोनोग्राफी मशीन में फिल्म रिकॉर्डिग का एक्टिव ट्रेकर और जी.पी.एस. अनिवार्य करने वाला देश का पहला राज्य।
- बेटी के जन्म पर उत्सव व पौधरोपण।
- लिंग भेद ना करने के वचन के साथ विवाह में आठवां फेरा।
- 382 राजकीय छात्रावास, 33 हजार बेटियों का स्कूल के पास ‘घर’ जहां रहने, पढ़ने, खेल-कूद व अन्य सुविधाएं।
- 5 लाख से ज्यादा छात्राओं को आत्मरक्षा ट्रेनिंग।
- विभिन्न योजनाओं के तहत 6 लाख से ज्यादा छात्राओं को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता।
- कलेक्टर क्लासेज में बेटियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं को नि:शुल्क तैयारी और करियर काउन्सलिंग।
- अपने क्षेत्र में सराहनीय काम करने वाली बेटियों को जिला स्तरीय कार्यक्रमों में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनाया जाता है।
- मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अंतर्गत 6 चरणों में बेटियों को 50 हजार रूपए तक की सहायता। अब तक 8.6 लाख से ज्यादा बेटियों को 270 करोड़ से ज्यादा की सहायता।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ में आगे हमारा राजस्थान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाए गए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान में राजस्थान की अपूर्व भूमिका रही है। लिंगानुपात बढ़ाने की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में लगातार दूसरे वर्ष ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ राजस्थान की झोली में आया है। झुंझुनूं जिला सामुदायिक भागीदारी में राष्ट्रीय स्तर पर लगातार दूसरी बार सम्मानित हुआ है। आज 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने जिले को इस पुरस्कार से नवाजा है। सीकर भी इसी श्रेणी में शामिल है। इसी अभियान की बदौलत राज्य में लिंगानुपात 888 से बढ़कर 940 हुआ है। आंकड़े जनगणना 2011 और 2017 के अनुसार हैं।
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