पिछले लंबे समय से उज्ज (जम्मू-कश्मीर) से होकर पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोक राजस्थान लाया जाएगा। केन्द्र सरकार की पहल और आगामी कदम से राजस्थान में पीने की पानी की समस्या से निजात मिल सकेगा। जल संसाधन मंत्रालय ने उज्ज से पाक जाने वाले पानी को बांध बनाकर रोकने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है। इससे राज्य को प्रतिदिन कितना पानी मिल सकेगा, यह बता पाना तो थोड़ा मुश्किल है लेकिन पानी रूकने से पाक को सामान्य दिनों में प्रतिदिन 3 हजार क्यूसेक और मानसून में एक लाख क्यूसेक पानी का नुकसान होगा।
1960 से जम्मू-कश्मीर सरकार उज्ज में बांध बनाने की एनओसी नहीं दे रही थी। लेकिन अब जल्दी एनओसी मिल जाएगी। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने नेशनल एक्यूफायर मिशन में राजस्थान के बीकानेर जिले में 100 कुंए भी खोदने की स्वीकृति दे दी है। इससे राजस्थान में पीने व प्रतिदिन उपयोग में आने वाले पानी की किल्लत काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। – केन्द्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल
1960 में इंडो-पाक समझौते में दोनों देशों को तीन-तीन नदियां मिली थी। भारत को सतलज, रावी और व्यास नदियां जबकि पाक को सिंधू, झेलम और चेनाब नदियां मिली थीं। लेकिन जम्मू-कश्मीर द्वारा बांध बनाने की एनओसी न मिलने और पंजाब सरकार द्वारा पानी राजस्थान व हरियाणा को न देने की नीति की वजह से पिछले आधे शतक से यह पानी सीधे पड़ौसी देश को जा रहा है। अब केन्द्र सरकार ने नीतिगत निर्णय लेकर दोनों राज्यों के बीच चल रही खिंचतान को समाप्त किया है। बांध बनने के बाद प्रतिदिन 3 हजार क्यूसेक पानी उज्ज से पंजाब होते हुए सीधे राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, नागौर व जैसलमेर को मिलेगा।
पड़ौसी देश नेपाल के साथ शारदा नदी पर बांध बनाने का समझौता हो चुका है। यह पंचेश्वर बांध दुनिया का सबसे बड़ा बांध होगा और इसका पानी यमुना से साबरमति लिंक से हरियाणा होते हुए लुणकसर में आएगा।
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