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कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के चौथे दिन शनिवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जल स्वावलम्बन अभियान के दूसरे चरण की कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रदेश के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनहितकारी इस अतिमहत्वाकांक्षी अभियान की पूर्ण सफलता सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रदेशवासियों को भरपूर पानी उपलब्ध कराकर गाँव-गाँव को जल की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने वाली इस योजना के प्रथम चरण की सफलता अपेक्षाओं से बढ़कर साबित हुई थी। दूसरे चरण में भी भरपूर लाभ प्राप्त करने के लिए चरण के बाकि बचे कार्य को बारिश से पहले निपटाने के आदेश दिए ताकि सभी जल संग्रहण ढांचों में बारिश का पानी इकट्ठा हो सके। बचे काम को जल्द से जल्द करने के लिए दो शिफ्ट में काम करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि यह राजस्थान जैसे मरूप्रदेश को जल की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी अभियान है। सभी के सहयोग से निश्चय ही हम अपने लक्ष्य में कामयाब होंगे। प्राणी जीवन के मूल घटक पानी को संरक्षित करने के इस अभियान को एक जन आन्दोलन के रूप में चलाया जाना चाहिए।

गति व गुणवत्ता पर हो विशेष ध्यान:

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सभी अधकारियों को निर्देश दिए कि एमजेएसए प्रथम चरण की तरह इस बार भी आईटी का उपयोग कर बेहतरीन प्लानिंग एवं मॉनिटरिंग करते हुए विभिन्न विभागों के समन्वय से प्रभावी काम किया जाये। अभियान की गति तेज की जाये। जिन जिलों में कार्य शुरू नहीं हो पाये हैं, वहां कलेक्टर पूरे प्रयासों के साथ जुट जाएं ताकि समय पर कार्य पूरे हो सकें। जल संग्रहण ढांचों के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाये। तुरन्त वित्तीय स्वीकृति जारी कर अभियान की गति व गुणवत्ता में सुधार के कदम बढ़ाये जाये। जिला प्रभारी व कलेक्टर लगातार मॉनिटरिंग एवं फील्ड विजिट कर गुणवत्ता सुनिश्चित करें। सभी जन प्रतिनिधि अपनी भागीदारी करें एवं श्रमदान, रैली, सभा, दानदाताओं का सम्मान जैसे कार्यक्रमों से आम जनता को सरकार के अभियान के साथ जोड़ें।

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मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि कार्य की प्रगति को मोबाइल एप अथवा MJSA की वेबसाइट पर अपलोड जरूर किया जाये। जियो टैगिंग, मोबाइल एप्लीकेशन, जीआईएस मैपिंग आदि के जरिए कार्यों की मॉनीटरिंग कर इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उदहारण के रूप में स्थापित किया जाये।

मुख्यमंत्री राजे व उनकी मंत्रिपरिषद देगी एक माह का वेतन:

राजस्थान के लिए जीवनदायनी इस अभियान को बड़े पैमाने पर सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने एक माह का वेतन इसके लिए देने की घोषणा की है। साथ ही राजस्थान सरकार की मंत्रिपरिषद के सभी मंत्रियों और संसदीय सचिवों ने भी इस महाअभियान के यज्ञ में अपने एक माह के वेतन की आहुति देने की घोषणा की है।

गाँवों में घटी टैंकर सप्लाई, सूखे कुए हुए तर:

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (एमजेएसए) के प्रथम चरण की अभूतपूर्व सफलता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह अभियान चलाया गया वहां टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति में करीब 57 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2016 की गर्मियों में जिन गांवों में 1551 टैंकर्स की सप्लाई की गई, इस बार गर्मी के सीजन में उन गांवों में सिर्फ 674 टैंकर्स की ही जरूरत पड़ी। इससे गाँवों की सरकारी टैंकर्स से निर्भरता घटी है।

राजस्थान के सभी जिलों के क्षेत्रों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। अनेकों पुराने कुंओं, बावड़ियों, तालाबों, जोहड़ों में पानी आया है। भीलवाडा ज़िलें के मांडलगढ़ में तो 265 सूखे कुंओं में फिर से पानी आ गया है। मरुभूमि व शुष्कभूमि के नाम से जाना जाने वाला राजस्थान, अपनी सरकार की इस परियोजना से आज जल की दृष्टि से पूर्ण आत्मनिर्भर बनने जा रहा है।