जोधपुर के पास बम्बोर इलाके में जमीन को लेकर गांव के लोग और बिश्नोई समुदाय के बीच अनबन हुई। बिश्नोई समाज का कहना है कि जमीन अमृता देवी उद्यान है, जबकि ग्रामीण इसे गांव की चारागाह भूमि बता रहे हैं। कोर्ट द्वारा ग्रामीणों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए जमीन से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए जाने पर बिश्नोई समाज आक्रोशित हो गया। जेडीए स्टाफ को कार्रवाई नहीं करने दी गई।
दूसरी ओर, ग्रामीण भी पिछले दो दिनों से जोधपुर में जेडीए कार्यालय का घेराव कर रहे हैं और भारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज उस समय माहौल गरमा गया जब गांव की महिलाओं ने जेडीए प्रशासन की ओर चूड़ियां फेंकी।
जोधपुर शहर के पास बम्बोर गांव के पुनियों की प्याऊ गांव की गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की जा रही है। इसी मांग को लेकर जेडीए कार्यालय के बाहर कैंप में शामिल आक्रोशित महिलाओं ने आज जमकर नारेबाजी की।
पूनियों की प्याऊ के पास की गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए बंबोर व आसपास के क्षेत्र के ग्रामीणों ने कल बुधवार को जेडीए कार्यालय का घेराव करना शुरू कर दिया था। इसके बाद महापड़ाव लगाकर बैठ गए। जेडीए की टीम 2 दिन पहले अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। फिर बिश्नोई समाज के लोगों के रोश जताने पर टीम बिना कार्रवाई किए वापस लौट गई थी।
बड़ी संख्या में ग्रामीण जेडीए कार्यालय के बाहर डटे रहे। वे अपने साथ गैस चूल्हा, सिलेंडर और खाना पकाने के अन्य बर्तन भी लाए थे। सड़क किनारे खाना बनाया और फिर रात को उसी टेंट में सो गया। इस विरोध को लेकर रातनाडा थाने में मामला भी दर्ज कराया गया है। जिसमें केरू प्रधान अनुश्री पूनिया, संपत पुनिया, चंपालाल चौधरी, श्रवण चौधरी, महेंद्र जाखड़ व भंवरलाल सहित अन्य के खिलाफ बिना अनुमति सार्वजनिक स्थान पर धरना देने और आम आदमी को परेशान करने का मामला दर्ज किया गया है।