कोटा, 8 मई।कोटा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह और वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग की अध्यक्ष डॉ. अनुकृति शर्मा सोमवार को ताशकंद पहुंच गई। वे उज़्बेकिस्तान में आयोजित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी। साथ ही, प्रो. नीलिमा और डॉ. अनुकृति शर्मा कांफ्रेंस में मुख्य वक्ता होंगी। दोनों ने सोमवार को उज्बेकिस्तान की मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर एंड टूरिज्म पहुंचकर पर्यटन मंत्री सुखारत से मुलाकात की। वहीं, ट्रांसपोर्ट यूनिवर्सिटी ताशकंद का भी भ्रमण किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बोखादिर तुर्बे से मिलकर दोनों विश्वविद्यालयों के बीच पाठ्यक्रम साझा करने पर बात की।
कुलपति प्रो. नीलिमा ने उज्बेकिस्तान में पर्यटन मंत्री से भारतीय पर्यटकों को होने वाली खानपान संबंधी समस्याओं समेत विभिन्न मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान में भाषा की समस्या को देखते हुए भारत से अंग्रेजी के विशेषज्ञ भेजे जा सकते हैं। वहीं उज़्बेकिस्तान से उजबेक और रशियन भाषा के जानकार भारत भेजे जा सकते हैं।
उन्होंने कुलपति प्रो. बोखादिर तुर्बे से मिलकर कहा कि उज़्बेकिस्तान और भारत के विश्वविद्यालय में 5 साल का एमओयू हुआ था। लेकिन, उसके 3 साल कोविड में निकल गए। ऐसे में, अब उज्बेकिस्तान की अन्य यूनिवर्सिटीज के बीच भी भारत के विश्वविद्यालयों से एमओयू होने चाहिए। उन्होंने इवेंट मैनेजमेंट के बारे में भी चर्चा की।
कल से शुरू होगी कांफ्रेंस
कोटा विश्वविद्यालय की वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग की अध्यक्ष डॉ. अनुकृति शर्मा ने बताया कि कांफ्रेंस ताशकंद में 10 से 13 मई तक उज़्बेकिस्तान के “सिल्क रोड” अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत विश्वविद्यालय में आयोजित होगी। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य लक्ष्य इतिहास, पुरातत्व, सांस्कृतिक विरासत, सिल्क रोड से जुड़े पर्यटन, प्राचीन सिल्क रोड के लोगों के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को जीवंत करने पर विचार होगा। उन्होंने बताया कि इस एजुकेशनल विजिट से कोटा विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स को भी लाभ मिलेगा और वहां शिक्षा के तरीकों को कोटा विश्वविद्यालय में भी अपनाने के प्रयास होंगे।