कोटा, 27 अप्रेल। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर दिसंबर तक कोटा से दिल्ली के बीच वाहन दौड़ने लगेंगे। इससे बाद सड़क मार्ग से कोटा से दिल्ली की दूरी चार घंटे की रह जाएगी। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरूवार को कोटा स्थित लोक सभा कैंप कार्यालय में संसदीय क्षेत्र दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे तथा कोटा-बूंदी में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा सड़क परिवहन मंत्रालय से जुड़े कार्यों की समीक्षा की।

बैठक के दौरान अधिकारियों ने स्पीकर बिरला को बताया कि पहले फेज में दिल्ली से दौसा के बीच परिवहन प्रारंभ हो चुका है। जून तक दौसा और सवाई माधोपुर के बीच भी मार्ग को खोल दिए जाने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि कोटा-बूंदी में दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे का 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। शेष बचे काम को दिसम्बर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर तेजी से काम किया जा रहा है। दूसरी ओर कोटा के बाद गोधरा तक का मार्ग भी जल्द पूरा हो जाएगा।

ऐसे में संभावना है कि दिसंबर में कोटा से दिल्ली और कोटा से गोधरा के बीच आवागमन प्रारंभ हो जाएगा। इसके बाद सवाई माधोपुर, जयपुर, अलवर, दिल्ली, उज्जैन, रतलाम सहित कई शहरों की दूरी बहुत कम समय में तय की जा सकेगी। स्पीकर बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्धारित समय में गुणवत्ता के साथ कार्य पूरा किया जाए। बैठक में बूंदी जिला कलक्टर रविन्द्र गोस्वामी, लोक सभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता सहित केंद्रीय सड़क परिहन मंत्रालय तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी उपस्थित रहे।

अन्य शहरों से कनेक्टिविटी संभावना भी तलाशें

बैठक में स्पीकर बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे, अटल प्रोग्रेेस वे के माध्यम से वे कोटा को अन्य बड़े शहरों को जोड़ने की संभावना भी तलाशें। इसके अलावा कोटा से अजमेर वाया देवली, कोटा से मंदसौर वाया रावतभाटा तथा कोटा से कवई वाया सांगोद मार्ग को पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति हो चुकी है। इस पर आगे की स्वीकृति के लिए कार्य किया जाए।

कराड़िया इंटरचेंज से नई राह की संभावना देखें

स्पीकर बिरला ने दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे पर कराड़िया इंटरचेंज से कोटा की ओर नए मार्ग की संभावना तलाशने को कहा है। बिरला ने कहा कि अभी जो रास्ता कराड़िया इंटरचेंज से कोटा शहर की ओर आ रहा है, उसमें अनेक व्यवधान होने के कारण वाहनों के आवागमन में समय अधिक लगेगा। अधिकारी ऐसी संभावना तलाशें जिससे कराड़िया इंटरचेंज से शहर में 10 मिनट में प्रवेश किया जा सके।