राजस्थान की सत्ता की दो बार कमान संभाल चुकी पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को विधानसभा चुनावों के बाद एक अहम और बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। वसुन्धरा राजे को अब दिल्ली के केन्द्रीय आलाकमान सूची में शामिल करते हुए राष्ट्रीय भाजपा उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठ से ठीक एक दिन पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मंत्रणा कर यह निर्णय लिया है। राजे को जनाधार वाली और सक्रिय नेता होने का लाभ मिला है। राजे के साथ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है। बता दें, 9 साल पहले वसुन्धरा राजे पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव रह चुकी हैं। इससे पहले 2002 में उन्हें राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है जिसके बाद उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव में भाजपा को 120 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत दिलाया था। राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं। शिवराज सिंह और रमन सिंह तीन-तीन बार अपने राज्यों के मुख्यमंत्री पद का निर्वाह कर चुके हैं।
राजे, चौहान और रमन सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद तीनों ही नेता प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ से बाहर हो गए हैं। अब इन तीनों को लोकसभा चुनावों के लिए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पार्टी 13 जनवरी को प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष का चयन करेगी। इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली जयपुर आ रहे हैं।
बता दें, भैरोंसिंह शेखावत के बाद राजस्थान में पिछले 15 सालों से पार्टी की राजनीति राजे के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। राजे पहली बार 1985 में 8वीं विधानसभा के लिए विधायक चुनी गई थीं। इसके बाद 1989 में लोकसभा की सदस्य चुनी गई ओर लगातार 5 चुनाव जीते। इस दौरान केन्द्र में भाजपा सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री भी रहीं। 2002 में उन्होंने पहली बार राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। उसके बाद 2013 में फिर से मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाला।
Read more: मोदी सरकार का एक और बड़ा फैसला, गरीब सवर्णों के आरक्षण पर संसद की मुहर