एक महिला को अपना घर परिवार चलाने में कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ये एक महिला ही समझ सकती है। महिलाओं की इस परेशानी को भलीभांति समझा राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने। जिन्होंने राज्य में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए एक योजना शुरु की, जिससे आज भी प्रदेश की करोड़ो महिलायें लाभांन्वित हो सम्मान पूर्वक जीवन जी रही हैं। मुख्यमंत्री राजे के अथक प्रयासों से राजस्थान, ऐसा करने वाला एक मात्र प्रदेश बना, जिसे ये सौभाग्य प्राप्त हुआ।
भामाशाह योजना क्या है? :
भामाशाह ऐसी योजना है, जिसने भाजपा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं को अपने में समाहित कर लिया। मतलब राजस्थान सरकार की सभी लाभकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक ज़रूरतमंद व्यक्ति तक एक साथ, एक जगह पर पहुंचा। ज़रूरतमंदों को अलग-अलग योजनाओं का लाभ लेने के लिए अलग-अलग दफ़्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। उनके हिस्से का लाभ सीधा उनके बैंक खाते में पहुंचा। जिसकी सूचना लाभार्थी को अपने मोबाइल फ़ोन पर संदेश के द्वारा मिली।
भामाशाह योजना की शुरुआत :
भामाशाह योजना की शुरूआत तत्काल मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के द्वारा 15 अगस्त 2014 से की गयी। जिसने राज्य की महिलाओं को एक नयी आज़ादी दी। उन्हें परिवार की मुखिया बनाकर बैंक में उनका खाता खुलवाया और स्वस्थ, समृद्ध व ख़ुशहाल जीवन जीने की आज़ादी दी। अब प्रदेश की किसी भी महिला को किसी के आगे हाथ फ़ैलाने की और किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं।
भामाशाह नामांकन प्रक्रिया :
सरकार ने भामाशाह योजना में पंजीकरण कराने के लिए बहुत ही आसान प्रकिया बनायी गयी। सर्वप्रथम परिवार की किसी एक महिला का किसी सरकारी बैंक में खाता खुलवाया गया। फिर परिवार का राशन कार्ड लेकर किसी भी नजदीकी अटल सेवा केंद्र या ई-मित्र केंद्र पर जाकर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार परिवार के प्रत्येक सदस्य का नामांकन करवा सकते हैं। नामांकन के समय परिवार के सभी सदस्यों की पूरी जानकारी भामाशाह से जोड़ी जाती है। वे सभी सरकारी योजनाएं जिनका हक़दार परिवार का कोई भी सदस्य है, उनकी जानकारी जैसे- पेंशन संख्या, नरेगा जॉब कार्ड संख्या, राशन कार्ड संख्या आदि भी भामाशाह से जोड़ दी जाती है। फिर महिला मुखिया का बैंक खाता और मोबाइल नंबर भी उससे जोड़ दिया जाता है। और महिला मुखिया को एक भामाशाह कार्ड दे दिया जाता है।
भामाशाह योजना के लाभ :
भामाशाह योजना का सबसे बड़ा लाभ तो यही है की इस योजना के माध्यम से परिवार के सभी सदस्यों को मिलने वाली अलग-अलग योजनाओं का लाभ एक जगह, एक ही खाते में मिलने लगा। भामाशाह योजना में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मनरेगा भुगतान, सार्वजिक वितरण प्रणाली, छात्रवृत्ति, जननी सुरक्षा योजना, एवं भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना सहित जिन लाभकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिलना चाहिए वो लाभ तय तिथि पर सीधे उनके बैंक खातों में पहुंचा दिया जाता है। भामाशाह योजना का दूसरा बड़ा लाभ भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत राज्य का कोई भी पात्र व्यक्ति 30 हज़ार से लेकर 3 लाख़ रूपये तक किसी भी बीमारी का इलाज़ राज्य के 600 सरकारी एवं 700 निजी अस्पतालों में बिल्कुल मुफ़्त करवा सकता है।
भामाशाह योजना की सुविधाएं :
भामाशाह योजना ने लोगो के जीवन को सरल व आसान बना दिया। अब किसी व्यक्ति को अपने हक़ मांगने के लिए कहीं जाने की आवश्यकता नहीं। उसके हिस्से की आर्थिक सहायता सीधे उसके बैंक खाते में जमा करा दी जाती है। जिसे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिये नक़द या गैर नक़द रूप में सरकार द्वारा स्थापित नजदीकी बैंकिंग सुविधा केंद्र से प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्येक भामाशाह कार्ड धारी को रुपे कार्ड भी दिए गए, लाभार्थी इस रुपे कार्ड का नज़दीकी बी.सी. केन्द्र में प्रयोग कर आसानी से ये रक़म निकाल सकते हैं। लाभार्थी को खाते संबंधी हर लेन-देन की सूचना अपने मोबाइल पर संदेश से मिल जाती है। सरकार वर्ष में 2 बार भामाशाह द्वारा वितरित लाभों का सामाजिक निरिक्षण करवाती। लाभार्थी स्वयं द्वारा लिए गए लाभों का विवरण भी सूचना का अधिकार एवं भामाशाह मोबाइल ऐप से प्राप्त कर सकते हैं। भामाशाह कार्ड की सहायता से किसी भी नामांकित चिकित्सालय में इलाज़ करवा सकते हैं। जहां उन्हें सिर्फ़ अपना भामाशाह कार्ड दिखने की ज़रूरत होती है।
भामाशाह योजना की सफलता :
भामाशाह योजना राजस्थान ही नहीं अपितु देश की अब तक की सबसे सफलतम जनकल्याणकारी योजाओं में से एक है। भामाशाह योजना के अंतर्गत सरकार बदलने तक राज्य के 1 करोड़ 58 लाख़ परिवारों के 5 करोड़ 75 लाख़ सदस्यों का नामांकन किया किया गया। जिसके चलते DBT (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से 44 करोड़ 64 लाख़ रुपये नक़द एवं गैर नक़द रूप से तथा 20 हज़ार 580 करोड़ 53 लाख़ रुपये सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किये गए।
पहले ऐसा होता था कि लाभार्थी का समय पर उपलब्ध न होना, नक़द लाभ, लाभार्थी तक नहीं पहुंच पाना, किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा जाली हस्ताक्षर कर लाभ लेना आदि कारणों से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। सरकारी योजनाओं का लाभ हक़दार व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाता था। लेकिन अब भामाशाह योजना के माध्यम से सरकारी योजनाओं का सम्पूर्ण नक़द लाभ बिना परेशानी के अबिलम्ब लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचा। इसके साथ ही ग़ैर नक़द लाभ जैसे-राशन वितरण भी बायोमैट्रिक पहचान द्वारा सीधे पात्र व्यक्तियों को दिए। जिससे भ्रष्टाचार से भी मिला छुटकारा मिला है।
भामाशाह योजना के परिणाम :
भामाशाह योजना के बहुत ही सुखद और अविस्मरणीय परिणाम देखने को मिले। कभी योग्य लोगों को किन्ही कारणों से सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था, या समय पर नहीं मिल पाता था, वो उन्हें मिलने लगा। किसी बुज़ुर्ग की वृद्धावस्था पेंशन समय पर नहीं आती थी, वो अब हर महीने उसके खाते में जमा होने लगी। छात्रों की छात्रवृति समय पर मिल जाती। नरेगा की मज़दूरी एजेंटों के बिना कमीशन खाये पूरी मिल जाती। कन्याओं के लिए लाभ राशि भी खाते में आ जाती। राशन बिना कटे समय पर मिल रहा। राज्य की महिलायें खुशहाल एवं सम्मानपूर्ण जीवन यापन करने लगी।
भामाशाह योजना का भविष्य :
निवर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा था, भाजपा सरकार द्वारा भविष्य में लायी जाने वाली सभी सरकारी जन कल्याणकारी योजनाओं को भी भामाशाह योजना से जोड़ा जायेगा, जिससे आमजन को उन योजनाओं का लाभ सीधे व बिना किसी देरी के मिल सके। लेकिन अब तो सरकार ही बदल चुकी है, और जिस प्रकार से गहलोत सरकार भाजपा सरकार द्वारा चालयी गयी योजनाओं को बंद करनेया उनका नाम परिवर्तित करने में लगी हुई है, उसे देखते हुए तो भामाशाह योजना और राजस्थान की करोड़ों महिलाओं का भविष्य अधर-झूल में लटकता हुआ दिख रहा है।
इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है, की भामाशाह योजना एक ऐसी योजना है, जिसके माध्यम से राजस्थान में आमजन का जीवन स्तर ऊपर उठा। प्रत्येक व्यक्ति एक सम्मानित और आत्मनिर्भर जीवन शैली का हिस्सा बना। केंद्र सरकार ने भी भामाशाह योजना को श्रेष्ठ योजना बताया। विश्व स्तर पर योजना को सराहा गया। केंद्र सरकार ने भी इस योजना को विस्तृत रूप से सम्पूर्ण हिंदुस्तान में लागू करने की बात कही। ताकि देश के लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो और देश की ग़रीबी में कमी आये।
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Author : Mahendra