प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि अब राजस्थान इतिहास रचने की तैयारी में है। यह इतिहास जनता के विश्वास और हमारे प्रयासों से नए राजस्थान की रचना के साथ बनेगा क्योंकि हमने हर निर्णय में जनता को शामिल किया है और उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं। मुख्यमंत्री राजे सोमवार को डूंगरपुर जिले के धम्बोला में जनसमूह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हमने साढ़े चार साल में दिन में 18-18 घंटे कार्य कर राजस्थान को यहां तक पहुंचाया है। हमने जो भी कार्य किए हैं, वो जनता से पूछकर, उनकी राय और अपेक्षाओं को निर्णयों में शामिल कर लिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र के 39 ब्लॉक्स में गोविन्द गुरू के नाम से सामुदायिक भवनों का निर्माण भी किया जाएगा।
विश्व आदिवासी कल्याण दिवस पहली बार धूम-धाम से मनाये जाने की घोषणा की
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि 9 अगस्त को टीएसपी एवं सहरिया क्षेत्र में विश्व आदिवासी कल्याण दिवस पहली बार धूम-धाम और जोर-शोर से मनाया जाएगा, जिसमें दिनभर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं एवं आदिवासी खेलों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने जिला कलक्टर को इस दिन स्थानीय अवकाश घोषित करने के भी निर्देश दिए। इस दिन के आयोजन में जिला स्तर पर जनजातीय प्रतिभाओं का सम्मान किया जाएगा एवं छात्रावास के बच्चों के लिए खेलकूद की प्रतियोगिताओं, वाद-विवाद, नृत्य, रस्साकशी, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्य समारोह प्रतापगढ़ में आयोजित किया जाएगा।
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मेवाड़ भील कोर का गठन, बीपीएल को 50 यूनिट निःशुल्क बिजली
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि हमने मेवाड़ भील कोर के गठन की घोषणा की थी। इस पर अमल करते हुए 623 पदों पर भर्ती जारी है। महाराणा प्रताप बटालियन की तरह ही मेवाड़ भील कोर बटालियन का गठन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 21 करोड़ रुपए की लागत से भीखाभाई कैनाल-11 को 2019 तक पूरा करा दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि हमने 1 अगस्त को आदेश जारी किए हैं जिसके माध्यम से टीएसपी क्षेत्र के सभी बीपीएल परिवारों को 50 यूनिट तक की बिजली निःशुल्क मिलेगी तथा 1 अप्रेल से मांगते ही कृषि कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
पर्यटन का बड़ा आकर्षण केन्द्र एवं क्षेत्र का गौरव साबित होगा गोविन्द गुरू सेतु
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घोषणा करते हुए कहा कि चिखली-आनंदपुरी सड़क पर संगमेश्वर में लगभग सौ करोड़ रुपए की लागत से हाईलेवल ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। यह ब्रिज बनने के बाद क्षेत्र में पर्यटन का बडा आकर्षण केन्द्र एवं क्षेत्र का गौरव साबित होगा। आदिवासी क्षेत्र में बनने वाले इस सेतु को देखने के लिए लोग परिवार सहित यहां पहुंचेंगे और सेल्फी खिंचाएंगे जैसे आज कोटा का हैंगिंग ब्रिज देखने पहुंचते हैं, ऐसा ब्रिज बॉम्बे या विदेशों में ही दिखाई देता है। मुख्यमंत्री ने जनसमूह के हाथ खड़े करवाकर इस सेतु का नाम गोविन्द गुरू सेतु रखने में सहमति मांगी और जवाब हां में मिलने पर इसका नाम गोविन्द गुरू सेतु रखे जाने की घोषणा की।