बीकानेर। मुक्ति संस्था बीकानेर के तत्वावधान में कोलकाता की ड्रामा आर्टिस्ट ,युवा रंगकर्मी आरती डागा से संवाद एवं नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम शनिवार को ब्रह्म बगीचा में आयोजित किया गया। संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ रंगकर्मी- निर्देशक डाॅ. आभा शंकरन ने की।
प्रारंभ में मुक्ति संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट हीरालाल हर्ष ने स्वागत भाषण करते हुए संस्था की गतिविधियों को विस्तार से बताया।
इस अवसर पर डाॅ. आभा शंकरन ने कहा की रंगकर्म एक पवित्र कार्य है रंगकर्म से आत्मा की शुद्धि होती है और नाटककार के व्यक्तित्व में आम आदमी की पीड़ा को समाहित करने की क्षमता बढ़ती है, डाॅ.आभा ने कहा की युवा रंगकर्मियों को कड़ी मेहनत एवं निष्ठा के साथ ड्रामा का प्रशिक्षण लेना चाहिए । उन्होंने आरती डागा द्वारा युवावस्था में ही 4 भाषाओं में रंगकर्म करने एवं अहिल्या जैसे मुश्किल पात्र को मंच पर लाने के लिए बधाई दी ,उन्होंने कहा कि जिस किसी पात्र को प्ले किया जाता है कलाकार पहले उसकी आत्मा में जाता है फिर मंच पर नाटक खेलता है।
इस अवसर पर राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के कोषाध्यक्ष कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने साहित्य-रंगकर्म केंद्रित पत्र वाचन किया।
अतिथि कलाकार एवं कोलकात्ता से आई युवा रंगकर्मी आरती डागा से कवयित्री-आलोचक डाॅ. रेणुका व्यास ने संवाद किया।
कवयित्री-आलोचक डाॅ. रेणुका व्यास से संवाद के दौरान आरती डागा ने अपनी रंग यात्रा के बारे में अनेक रोचक जानकारी देते हुए बताया कि
मेरी आभिनय कीं यात्रा एक दशक पूर्व प्रांरभ हुई थी , इस दौरान अनेक नाटको में अभिनय किया परन्तु
बावरे मन्न के सपने,बर्निंग बबल्स, खट्टी इमली मीठे बेर,बियोंड बॉर्डर्स एवं डाइस ऑफ़ डिज़ायर नाटको के मंचन से जिंदगी रोशन कर दी।
डागा ने बताया कि वह हिन्दी, अग्रेजी , पंजाबी और बंगालीं भाषा नाटक खेलती हैं
आरती डागा ने बताया कि
हमारे लगभग नाटक महिलाओं पर केंद्रित होते हैं। उन्होंने कहां कि भारतीय समाज में महिलाओं का शोषण सदियों से चलता आ रहा हैं। इस विषय को मध्यनजर रखते हुए हमारी नाट्यमंडली द्वारा नाटक महिलाओं की जागरूकता पर केंद्रित खेले जाते हैं।
संवाद के दौरान डागा ने बताया कि
जब से मैं नाटक करने लगी हूँ उसके बाद बहुत कॉन्फ़िडेंस आया हैं , मेरे बच्चे भी नाटक करते थे। मेरी लाईफ़ पूरी चेंज हो गई हैं और अब हम बहुत सारी महिलायें नाटक जॉईन करती हैं और अपना एक पहचान बनती हैं।
डागा ने अपनी रंग यात्रा को विस्तार से बताते हुए कहा कि मैंने सभी तरह के किरदार निभाये हैं। महाभारत पर आधारित नाटक में अहिल्या का रोल कर रही हूँ …। इस चुनौति पूर्ण रोल अहिल्याको एक नये प्रॉसपेक्ट्स में दिखाया गया हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सखा संगम के अध्यक्ष एन. डी. रंगा रहे।
संवाद के दौरान वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक जोशी और बीकानेर.एल.नवीन ने रंगकर्म के क्षेत्र में व्यापक अनुभव साझा किये।
इस अवसर पर युवा रंगकर्मी आरती डागा का नागरिक अभिनंदन करते हुए उन्हे रंग सम्मान-2023 अर्पित किया किया गया । अभिनंदन समारोह में अभिनंदन पत्र का वाचन साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने किया । आरती डागा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चन्द्रशेखर जोशी ने प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अतिथियों ने आरती डागा को शाल, श्रीफल, स्मृति चिह्न एवं अभिनंदन-पत्र भेंट कर स्वागत किया गया।
समारोह में प्रवासी उद्योगपति गोपाल दास डागा एवं युवा उद्योगपति बल्लभ डागा का भी स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक जोशी, एडवोकेट महेंद्र जैन,कवि-संस्कृतिकर्मी चंद्रशेखर जोशी,समाजवादी चिंतक नारायण दास रंगा, वरिष्ठ रंगकर्मी बी.एल.नवीन, पूर्व पार्षद हजारी देवड़ा, नारायण शंकर, बृजगोपाल जोशी, विष्णु शर्मा, अन्तरराष्ट्रीय प्रशिक्षक अनिल जोशी, जन्मेजय व्यास,मुरलीमनोहर पुरोहित सहित अनेक रंगकर्मी- साहित्यकार उपस्थित हुए