जयपुर। विधानसभा चुनाव से पहले जनता से लोकलुभावने वादे कर सत्ता में आई कांग्रेस अब अपने ही चक्रव्यूह में फंसती नजर आ रही है। किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां पहले ही मीडिया के सवालों से बचते नजर आते हैं। वहीं प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को 3,500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगार भत्ता देने का वादा भी सरकार के लिए अब गले की फांस बन गया है। हालांकि सीएम गहलोत किसी भी हालत में अपने वादों को निभाने का आश्वासन जरूर दे रहे हैं लेकिन इन्हें अमलीजामा पहनाने के लिए जितने फंड की आवश्यकता है, सरकार के पास उसका आधा भी नहीं है।
बेरोजगार भत्ते के लिए नई नौकरियों पर रोक
सरकारी कोष में बजट कम होने के बावजूद गहलोत सरकार ने अब बेरोजगारों को भत्ता देने, किसानों की कर्जमाफी करने व एक रुपये प्रति किलो गेंहू देने का वादा निभाने का तोड़ निकाल लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सीएम गहलोत ने राजस्थान में नई नौकरियों पर रोक लगा दी है। नये फैसले के तहत बजट घोषणा के अलावा किसी भी विभाग में नए पदों के सृजन की अनुमति प्रशासन को नहीं होगी। इसके अलावा सरकार अपने अफसरों के विदेश दौरों पर भी रोक लगाने की तैयारी में हैं। वहीं स्थानीय निकायों से जमीन बेचकर फंड जुटाने के लिए भी बचत परिपत्र जारी किया जाएगा।