राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन उससे पहले बड़े बदलाव और चौंकाने वाले घटनाक्रम सामने आ रहे हैं। टिकट नहीं मिलने के कारण कई बागी मैदान में उतर रहे हैं तो कई निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं इसमें 9 नवंबर के बाद स्थिति साफ हो जाएगी कि कितने मैदान में हैं।
राजनीतिक घटनाक्रम की बात करें तो मंगलवार शाम को मेवाड़ में बीजेपी के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई। यहां पार्टी के लगातार दो बार विधायक समेत 35 पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। प्रेसवार्ता कर सभी ने जिलाध्यक्ष मिट्ठू लाल जाट को इस्तीफा दिया।
हम मेवाड़ की जिस विधानसभा सीट की बात कर रहे हैं वह चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट है। ये वही सीट है जहां बीजेपी के बीच कई दिनों से घमासान चल रहा है। इन लोगों ने पहले भी इस्तीफा दिया था, लेकिन पार्टी ने इसे स्वीकार नहीं किया था। इसके बाद अब उन्होंने प्राथमिकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इनमें विधायक, पूर्व यूआईटी चेयरमैन, पूर्व पालिकाध्यक्ष, पूर्व प्रधान, मंडलों के अध्यक्ष, जिला मंत्री, महामंत्री, कोषाध्यक्ष सहित पार्टी के प्रमुख पदों पर आसीन नेता शामिल हैं। पार्टी के फैसले से सभी नाराज थे, इसलिए ये फैसला लिया गया।
चित्तौड़गढ़ में बीजेपी में चल रही कलह की वजह पिछले महीने पार्टी की ओर से जारी की गई प्रत्याशियों की सूची है। इस सूची में चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट दिया गया और नरपत सिंह राजवी को यहां से उम्मीदवार घोषित किया गया। इस सूची के बाद विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने बगावत कर दी है। लोगों के साथ बैठकें आयोजित की गईं। इसके बाद निर्दलीय नामांकन दाखिल किया गया। अब उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आक्या ने यह भी कहा कि अभी किसी नई पार्टी की घोषणा नहीं हुई है, वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।