बीकानेर। कृषि महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग में ‘मधुमक्खी पालन में उद्यमिता विकास’ विषयक सात दिवसीय प्रशिक्षण गुरूवार को सम्पन्न हुआ।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरूण कुमार थे। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन में उद्यमिता विकास की प्रचुर सम्भावनाएं हैं। समस्त प्रशिक्षणार्थी समूह बनाकर, प्रोडक्ट की ब्रांडिंग करें तथा प्रभावी पैकेजिंग के साथ व्यवसाय करें।
प्रशिक्षण संयोजक डॉ. एच. एल. देशवाल ने बताया कि प्रशिक्षण में राजस्थान के विभिन्न जिलों के कुल 38 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। इस दौरान मधुमक्खियों की प्रजातियों, शहद प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, व्यवसाय मधुमक्खियों के रोग व उनके बचाव तथा मधुमक्खी पालन में लाभ लागत अनुपात आदि की जानकारी दी।
कृषि विभाग एवं नाबार्ड के अधिकारियों द्वारा मधुमक्खी पालन में उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने हेतु सरकार की योजनाओं एवं अनुदान तथा बैंक द्वारा लोन के बारे में जानकारी दी गई।
डॉ. विजय शंकर आचार्य ने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों को हनुमानगढ़ जिले के नूरपूर गांव में पंजीकृत मधुमक्खी पालक के यहां प्रक्षेत्र भ्रमण करवाकर प्रायोगिक जानकारी दी गई।
इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आई.पी. सिंह ने मधुमक्खी पालन को रोजगार के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कुलपति डॉ. अरूण कुमार द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में छात्र कल्याण निदेशक डॉ. वीर सिंह, स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. दीपाली धवन, डॉ. दाताराम कुम्हार, डॉ. एन. एस. दहिया, इजि जितेन्द्र गौड़, डॉ. नरेन्द्र सिंह, डॉ. सुरेन्द्र यादव, डॉ. बी. एस. मिठारवाल आदि उपस्थित रहे। संचालन डॉ. विजय शंकर आचार्य ने किया।