राजस्थानी भाषा को पढ़ने और समझने के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब राजस्थानी भाषा पढ़ना और समझना आसान हो जाएगा। इसके लिए राजस्थान राज्य अभिलेखागार राजस्थानी भाषा का एक सॉफ्टवेयर तैयार करवा रहा है। इससे कोई भी शोधार्थी सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप के माध्यम से राजस्थानी भाषा से जुड़ी सभी जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेगा। माना जा रहा है कि सॉफ्टवेयर डवलप होने के बाद रियासतकाल की बहुत सी चीजों की जानकारी सभी को आसानी से मिल सकेगी।
सीडेक पुणे की तीन सदस्य टीम कर रही है ऐप और सॉफ्टवेयर बनाने पर काम
अभिलेखागार के निदेशक महेन्द्र खडगावत ने बताया कि राजस्थान की पूर्व 22 रियासतों में अलग-अलग राजस्थानी भाषा का प्रचलन रहा है। उन्होंने कहा कि अभिलेखों के डिजिटाइजेशन का काम किया गया है। लेकिन, इन भाषाओं को पढ़ने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन कम हो रही है। इसलिए भारतीय भाषाओं पर काम करने वाली सीडेक पुणे की एक तीन सदस्य टीम को यहां बुलाया गया है।
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राजस्थानी भाषा को हिंदी में कन्वर्ट कर आसानी से पढ़ा जा सकेगा
सीडेक कंपनी की टीम के सदस्य परिमल खाडे ने बताया कि कंपनी इससे पहले कई भारतीय भाषाओं पर काम कर चुकी है। राजस्थान राज्य अभिलेखागार के साथ मिलकर राजस्थानी भाषा की महाजनी स्क्रिप्ट पर हमारी टीम यहां काम कर रही है। इस सॉफ्टवेयर से राजस्थानी भाषा को हिंदी और हिंदी को राजस्थानी में कन्वर्ट कर आसानी से पढ़ा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं मोबाइल एप के माध्यम से राजस्थानी भाषा में लिखा भी जा सकेगा। सीडेक टीम के सदस्य खाडे ने कहा कि इसके कन्वर्जन के काम में 6 से 8 महीने का समय लगेगा। इसके बाद यह सुविधा सभी लोगों के लिए उपलब्ध होगी।