दिल्ली के रयान स्कूल में हुए कांड के बाद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए राजस्थान सरकार सख्त हो गई है। ऐसी कोई घटना यहां न हो, इसके लिए वसुंधरा सरकार ने स्कूल और बाल वाहिनियों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इन नए निर्देशों के अनुसार अब से सभी बाल-वाहिनियों यानि स्कूल बसों या स्कूली बच्चे ले जाने वाले सभी वाहनों का रंग पीला होना चाहिए। साथ ही इन वाहनों पर आॅन स्कूल ड्यूटी लिखा होना भी जरूरी है। वाहन पर स्कूल, ड्राइवर व कंडक्टर का नाम, पता व टेलीफोन नंबर लिखा जाना भी अनिवार्य किया गया है।
यह हैं जारी किए गए दिशा निर्देश –
— पहचान के लिए स्कूली बच्चे ले जाने वाले वाहनों का रंग पीला हो। इस पर आॅन स्कूल ड्यूटी लिखवाया जाए।
— वाहन पर स्कूल, ड्राइवर व कंडक्टर का नाम, पता व टेलीफोन नंबर लिखे हो।
— बाल वाहिनी चालक को 5 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव हो।
— दो बार चालान होने पर बाल वाहिनी चलाने की अनुमति नहीं हो।
— नशे में या तेज गति को लेकर चालान होते ही बाल वाहिनी नहीं चलाने दी जाए।
— वाहन पर हॉरिजोंटल लोहे का पाईप और दरवाजों पर लॉक हो।
— स्पीड अधिकतम 40 किमी प्रति घंटा से ज्यादा न हो।
— वाहन में अग्निशमन यंत्र आवश्यक रूप से हो।
— स्कूल की बस हो तो उसमें जीपीएस चालू हो।
— वाहन में फस्र्ट एड बॉक्स व पेयजल की व्यवस्था हो।
— खिड़कियों पर किसी प्रकार की फिल्म न चढ़ी हो।
— बाल वाहिनी में कंडक्टर आवश्यक रूप से हो।
— बच्चों को सड़क पर छोड़ने के बजाय बाल वाहिनी का स्टैंड तय हो।
— वाहन की फिटनेस व चालक का मेडिकल परीक्षण नियमित हो।
— सीट क्षमता से डेढ़ गुना से अधिक बच्चे किसी भी स्थिति में बाल वाहिनी में न हो।
राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मुख्य सचिव, प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, पुलिस महानिदेशक, सभी जिलो के कलक्टर, जयपुर व जोधपुर के पुलिस कमिश्नर, जिला परिवहन अधिकारी व जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों से इन सभी निर्देशों की पालना कराने के निर्देश दिए हैं।