विधानसभा में ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों और मुआवजे की मांग को लेकर भाजपा विधायकों ने हंगामा किया। आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल के जवाब से नाराज विधायकों ने वैल में नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट किया।
इससे पहले ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर सदन में बहस हुई, जिसमें विधायकों ने किसानों को तत्काल मुआवजा देने की मांग उठाई। आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने कहा कि जनवरी से मार्च तक पाला, शीत लहर और ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। उन्हें जल्द ही राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) से इनपुट सब्सिडी के रूप में सहायता दी जाएगी। साथ ही नुकसान की विशेष गिरदावरी की जा रही है।
राठौर ने कहा- गिरदावरी के नाम पर गलत आकलन
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस बार चार बार किसानों पर कहर बरपा है। गिरदावरी के नाम पर सरकार ने लीपा-पोती की है। इस बार डिजिटल गिरदावरी का नाम दिया गया, जबकि पटवारी व राजस्व विभाग के कर्मचारी फील्ड में नहीं गए। बिना खेत में गए गिरदावरी की गई।
गिरदावरी के समय सरकार ने कलेक्टरों को 33 प्रतिशत से अधिक खराब न दिखाने की बात भी कही थी। फसल बीमा का लाभ लेने के लिए किसान को कॉल सेंटर पर सूचना देनी होती है, लेकिन वहां कोई फोन नहीं उठाता। 16 से 18 मार्च को आंधी, तूफान और बारिश से फसलें बर्बाद हो गईं।
राठौड़ ने कहा कि जनवरी में हुई विशेष गिरदावरी के बाद हुए नुकसान का एक पैसा भी नहीं दिया गया। पूरी गिरदावरी करवाएं। किसानों को हुए नुकसान के लिए 15 दिन के अंदर सहायता दी जाए। शीतलहर से 10 जिलों में 33 फीसदी खराबा हुआ, जिनमें दौसा , गंगानगर, सीकर,झुंझुनूं, जयपुर, नागौर, अलवर, भरतपुर सहित 10 जिले हैं। इनमें 61 तहसील के 5038 गांवों में 20 लाख 85 हजार 317 किसान प्रभावित हुए हैं।
मंत्री ने कहा- किसानों को शीघ्र ही इनपुट सब्सिडी के रूप में सहायता प्रदान की जाएगी
आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने कहा कि उप नेता प्रतिपक्ष ने सदन में गलत दावा किया है। खराबा कम करने के लिए किसी कलेक्टर को नहीं कहा गया। गिरदावरी की रिपोर्ट के आधार पर किसानों को शीघ्र ही इनपुट सब्सिडी के रूप में सहायता प्रदान की जाएगी।
इससे पहले आपदा राहत मंत्री ने कहा कि प्रदेश में रबी की फसल 103 लाख हेक्टेयर में बोई जाती है। इस बार 109.55 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई। खराबे की गिरदावरी करवाई गई।
दौसा, गंगानगर, सीकर, झुंझुनू, जयपुर, नागौर, अलवर, भरतपुर समेत 10 जिलों में शीतलहर से 33 फीसदी नुकसान हुआ है। इनमें 61 तहसीलों के 5038 गांवों के 20 लाख 85 हजार 317 किसान प्रभावित हुए हैं।
शीतलहर से 10 जिलों में 33 फीसदी खराबा हुआ, जिनमें दौसा , गंगानगर, सीकर,झुंझुनूं, जयपुर, नागौर, अलवर, भरतपुर सहित 10 जिले हैं। इनमें 61 तहसील के 5038 गांवों में 20 लाख 85 हजार 317 किसान प्रभावित हुए हैं।
मंत्री ने कहा- किसानों को शीघ्र ही इनपुट सब्सिडी के रूप में सहायता प्रदान की जाएगी
आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने कहा कि उप नेता प्रतिपक्ष ने सदन में गलत दावा किया है। खराबा कम करने के लिए किसी कलेक्टर को नहीं कहा गया। गिरदावरी की रिपोर्ट के आधार पर किसानों को शीघ्र ही इनपुट सब्सिडी के रूप में सहायता प्रदान की जाएगी।
इससे पहले आपदा राहत मंत्री ने कहा कि प्रदेश में रबी की फसल 103 लाख हेक्टेयर में बोई जाती है। इस बार 109.55 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई। खराबे की गिरदावरी करवाई गई।
दौसा, गंगानगर, सीकर, झुंझुनू, जयपुर, नागौर, अलवर, भरतपुर समेत 10 जिलों में शीतलहर से 33 फीसदी नुकसान हुआ है। इनमें 61 तहसीलों के 5038 गांवों के 20 लाख 85 हजार 317 किसान प्रभावित हुए हैं।