दिगंबर जैन समाज में श्रुत पंचमी का पर्व पूरे भारत में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया, इसी क्रम में आज अजमेर में भी जिनशासन तीर्थ नाका मदार में विराजित मुनि श्रद्धानंद जी महाराज एवं पवित्र आनंद जी महाराज के सानिध्य में भारतीय जैन मिलन संस्था के द्वारा श्रुत पंचमी का पर्व मनाया गया । संस्था के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश जैन पाटनी ने बताया इस अवसर पर मुनि श्रद्धानंद जी महाराज ने आज के दिन के महत्व को समझाया ।
इस अवसर पर महाराज श्री ने कहा की जैन धर्म में देव शास्त्र गुरु पूजा ही सच्ची पूजा है, जैन लोग भगवान की पूजा करते हैं, साधु संतो की सेवा करते हैं परंतु मां जिनवाणी के प्रति उनकी सच्ची श्रद्धा नजर नहीं आ रही है। आज श्रुत पंचमी के दिन भगवान की वाणी को संस्कृत में प्राकृत भाषा से हिंदी अनुवाद के रूप में लिपिबद्ध किया गया जिससे जैन धर्मावलंबियों को भगवान की वाणी सुनने का समझने का अवसर प्राप्त हुआ। जिनवाणी अर्थात भगवान की वाणी इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए कई दृष्टांत दिए।
आज पूरे भारतवर्ष में जहां कहीं भी दिगंबर साधु साध्वी विराजमान है वहां पर विशेष रुप से जैन धर्मालंबी शास्त्र भंडार की सफाई पूरी व्यवस्थाएं करके जिनवाणी की पूजा भक्ति भाव से करते हैं एवं मुनियों को जिनवाणी भेंट करते हैं। आज भारतीय जैन मिलन संस्था के द्वारा दोनों मुनिराजओं के समक्ष दीप प्रज्वलन अनावरण कर महिला सदस्यों के द्वारा मंगलाचरण कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया।
अलकेश जैन सहयोगियों के द्वारा भक्ति पूर्ण मंगलाचरण पेश किया गया तथा महाराज श्री के प्रवचन के बाद जिनवाणी मां श्रुत पंचमी महोत्सव के ऊपर प्रश्न मंच का कार्यक्रम पर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया । दोनों मुनिराजओ को जिनवाणी भेंट करने वालों में प्रकाश जैन पाटनी, सुशील बाकलीवाल, राजेंद्र पाटनी, नाथूलाल जैन, संपत सिंह, कोमल लुहाडिया, विनय पाटनी, जैन, अलकेश जैन, रेखा जैन व कुसुम जैन आदि सदस्य उपस्थित रहे।