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File-Image: किसान.

राजस्थान में किसानों का 10 दिन में कर्ज़ माफ़ करने का वादा कर सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस ने कर्जमाफी के नाम पर बड़ा धोखा किया है। दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के दौरान रैलियों में प्रदेश के किसानों का सम्पूर्ण कर्ज़ माफ़ करने की घोषणा की थी। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में भी इसे प्रमुख रूप से शामिल किया था। इसका लाभ कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में मिला और वह सत्ता में वापसी करने में कामयाब रहीं। 10 दिन में कर्ज माफी करने का सपना दिखाने वाली कांग्रेस ने सत्ता में आने के एक माह बाद भी कर्जा माफ नहीं किया तो प्रदेशभर में गहलोत सरकार के प्रति किसानों का गुस्सा और विरोध सामने आने लगा। किसान आंदोलन की आहट होते देख सरकार ने जल्द ही कर्जमाफी प्रमाण पत्र बांटने की बात कही। इसके बाद कर्जमाफी में हो रही देरी पर बीजेपी ने जेल भरो आंदोलन का ऐलान कर दिया। इस आंदोलन के दबाव में आनन-फानन में कांग्रेस ने 7 फरवरी से कर्जमाफी की शुरूआत की। लेकिन कांग्रेस सरकार की यह कर्जमाफी किसानों के साथ बड़ा धोखा साबित होती दिख रही है।

कांग्रेस सरकार की ऋण माफी योजना में खुद को ठग महसूस कर रहे हैं किसान

गहलोत सरकार ने गुरुवार से प्रदेश में किसानों का कर्ज़ माफ़ करने की योजना की शुरूआत कर दी है। लेकिन सरकार की इस कृषक ऋण माफी योजना-2019 से छोटे किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इस योजना का लाभ उन किसानों को ज्‍यादा मिल रहा है, जिन्‍होंने अधिक रुपए का ऋण ले रखा है। जोधपुर जिले के बोरानाडा ग्राम सेवा सहकारी समिति में कृषक ऋण माफी योजना के तहत एक किसान के मात्र पांच रुपए का ऋण माफ किया गया है। बोरानाडा ग्राम सेवा सहकारी समिति में गुरुवार को 157 किसानों का 25 लाख रुपए का कर्ज माफ किया गया। इन 157 किसानों में से 90 किसान ऐसे थे, जिनका ऋण एक हजार रुपए से भी कम था। इस योजना के तहत गांव के किसान मुबारक खान का मात्र 5.73 रुपए का कर्ज़ माफ़ किया गया है। किसान अभी भी खुद को ठगा महसूस कर रहा है। उसके जैसे और किसानों का कहना है कि गहलोत सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर धोखा किया है।

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कांग्रेस सरकार की इस योजना के तहत बोरानाडा ग्राम सेवा सहकारी समिति में करीब 20 किसान ही ऐसे थे जिनका ऋण दस हजार से ऊपर का माफ किया गया है। इससे पहले वसुंधरा राजे सरकार ने प्रदेश में किसानों का कर्जा माफ किया था। राजे सरकार ने प्रति किसान 50 हजार रुपए तक का ​कर्ज़ माफ़ किया था जिससे प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत मिली थी। बीजेपी सरकार पर इसके लिए करीब 9 हजार करोड़ का अतिरिक्त भार आया था। हाल ही में केन्द्रीय बजट में नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए देने की घोषणा की है।