किसान कर्ज़माफ़ी योजना के तहत आजमगढ़ निजामाबाद तहसील के रहने वाले किसान महुवर का महज़ 40 पैसे का कर्ज माफ हुआ। महुवर ने बताया, मैंने 40 पैसे के लिए 37 रुपए ख़र्च किये, पूरा दिन भी बर्बाद हुआ। बता दें, मामला 11 सितम्बर का है, जब डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने यहां पांच हजार किसानों को कर्ज़माफ़ी का सर्टिफ़िकेट दिया। वहीं, केशव मौर्य का कहना है कि कुछ शरारती तत्व मीडिया में झूठा प्रचार कर रहे हैं।
किसान कर्ज़माफ़ी की या मेरा मज़ाक उड़ाया
महुवर ने बताया, मैंन दो बार बैंक से कर्ज लिया था। 2016 में लिया गया कर्ज चुका दिया, लेकिन 40 पैसे बकाया था, जो कि माफ कर उसे 40 पैसे का प्रमाण पत्र थमा दिया गया। उन्होंने कहा…
बस से आया तो 10 रुपए किराया लगा और जाते समय ऑटो से 12 रुपया किराया लगा, 15 रुपए का नाश्ता किया। 40 पैसा के लिए 37 रुपया खर्च पूरा दिन बर्बाद। लगता है किसी ने मेरा मजाक उड़ा दिया।
80 रुपए खर्च कर मिला 27 रुपए का सर्टिफ़िकेट
मिर्जापुर में 12 सितम्बर को आयोजित कर्ज़माफ़ी कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने किसानों को कर्ज़माफ़ी सर्टिफ़िकेट बांटे।
मिर्जापुर के किसान रूपचंद का 28 हजार रुपए कर्ज़ था, उन्हें 27 रुपए का कर्ज़माफ़ी सर्टिफ़िकेट दिया गया। वह यहां तक 80 रुपए किराया ख़र्च करके आये थे।
चिंदलिख गहरवार निवासी लक्ष्मण सिंह का करीब एक लाख रुपए कर्ज़ था। उन्हें महज 42 रुपए कर्ज़माफ़ी का सर्टिफ़िकेट दिया गया। उन्होंने गांव से यहां तक आने में 75 रुपए ख़र्च किए थे।
किसान कर्ज़माफ़ी के बारे में क्या कहते हैं एसडीएम
इस मामले में एसडीएम अविनाश त्रिपाठी ने कहा…
किसान कर्ज़माफ़ी को लेकर हम लोगों को केवल कागजी जांच करना था, जो किया गया है। एक लाख तक का लोन माफ होना था। बैंक से टैली करा लिया जाएगा।
किसान कर्ज़माफ़ी योजना के तहत आजमगढ़ निजामाबाद तहसील के रहने वाले किसान महुवर का महज 40 पैसे का कर्ज़ माफ़ हुआ है।