राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने वाले बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी का पहले अपहरण और फिर हत्या के मामले में आज शुक्रवार को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। यह फैसला इस मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही को लेकर है। सीबीआई द्वारा एफबीआई की गवाह अंबर बी कार की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करवाने के लिए अर्जी दायर की थी। अदालत आज इसी अर्जी पर फैसला सुनाने जा रही है। गौरतलब है कि इस अर्जी पर इसी महीने अनुसूचित जाति जनजाति अदालत में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान आरोपी इन्द्रा विश्नोई सहित आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया था। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से एफबीआई की गवाह अम्बर बी कार की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करवाने को लेकर अर्जी पर बहस में कहा गया कि अमरीका से गवाह का यहां आना संभव नहीं है। ऐसे में उसकी गवाही वीडियो कॉन्फ्रेेंसिंग से करवायी जाए।
बचाव पक्ष के वकीलों ने पूर्व में भी की थी सीबीआई को अर्जी पेश
एएनएम भंवरी देवी हत्याकांड मामले में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकीलों ने पूर्व में भी सीबीआई को इसको लेकर एक अर्जी पेश की थी, लेकिन उस समय अर्जी को खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद प्रार्थना पत्र पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। हालांकि तब आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, लूणी के पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई, परसराम विश्नोई को कोर्ट में पेश नहीं किया गया। बता दें, सात साल पहले वर्ष 2011 में भंवरी देवी हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस मामले के चलते कांग्रेस को मारवाड़ में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में पश्चिमी राजस्थान के तीन जिलों जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में कांग्रेस को 19 में से मात्र दो सीटें नसीब हुई थी।
क्या है एएनएम भंवरी देवी हत्याकांड मामला?
नर्स भंवरी देवी 2011 में अचानक गायब हो गई थी। इसके बाद जांच में पता चला की उसकी हत्या कर दी गई है। मामले में राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा और कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई पर हत्या का आरोप लगे। इसके बाद मामले ने इतना तूल पकड़ा की जांच का काम सीबीआई को सौंपा गया। जोधपुर में सीबीआई की विशेष अदालत में जांच एजेंसी ने महिपाल मदेरणा और मलखान समेत 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। आरोप पत्र में इन अभियुक्तों पर हत्या समेत कई धाराएं जोड़ी गईं। करीब सौ पेज का आरोप पत्र तैयार करने में सीबीआई ने 300 से ज्यादा गवाहों के बयान लिए। इस मामले ने तब तूल पकड़ा एएनएम भंवरी के पति अमरचंद ने 20 सितंबर को रिपोर्ट लिखाई कि उसकी पत्नी पिछले 20 दिनों से लापता है। उसने महिपाल मदेरणा के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने 2 दिसम्बर को मदेरणा और फिर मलखान को गिरफ्तार किया। तब से ही दोनों कांग्रेसी नेता जेल में हैं।
भंवरी देवी की सीडी बाहर आने से मचा तहलका
भंवरी देवी के गायब होने के कुछ दिनों बाद एक सीडी भी सामने आई जिसमें महिपाल मदेरणा और भंवरी का आपत्तिजनक वीडियो था। इससे यह साबित हुआ कि भंवरी के रिश्ते मदेरणा से थे। भंवरी के रिश्ते मलखान से भी बताए गए। मलखान से भंवरी को एक बेटी भी पैदा हुई थी, जिसका वह लगातार हक मांगा करती थी। इस सीडी ने राजस्थान की सियासत को हिला कर रख दिया था। भंवरी की ब्लैकमेलिंग के चलते इन कांग्रेसी नेताओं ने साजिश रची और सीडी हथियाने के लिए विश्नाराम गैंग की मदद से भंवरी का अपहरण कराया। गैंग ने भंवरी से सीडी पाने के लिए उसे टॉर्चर करना शुरू किया। इसी बीच भंवरी को ये गैंग दूसरे स्थान पर ले जाने लगा तो भंवरी ने हल्ला मचा दिया। जिसके बाद गला दबाने से उसकी मौत हो गई। भंवरी की लाश को पूरी तरह से जलाकर राख को सड़क और नहर में फेंक दिया गया। वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस कांड से समय भी राजस्थान के सीएम थे। इस मामले में कहा जाता है कि अशोक गहलोत इस सीडी के बारे में सब जानते थे। भंवरी देवी ने सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात भी की थी। जिसके बाद गहलोत ने अपनी कैबिनेट में मंत्री महिपाल मदेरणा को सुलह की सलाह दी थी।