विधानसभा में पेश कैग की रिपोर्ट में परिवहन विभाग के अधकिारियों की बड़ी लापरवाही उजागर की गई है। एक तरफ परिवहन विभाग वाहन खरीददारों से करोड़ों रुपए का टैक्स वसूल नहीं कर सका। यहां तक कि वाहन निर्माता कम्पनियों द्वारा बेचे जाने वाले वाहनों का भी डेटा नहीं रखा गया। इस कारण वाहन निर्माता कम्पनियां भी विभाग को लाखों रुपए का चूना लगा रही हैं।
कम राजस्व वसूली के कई मामलों का खुलासा
कैग रिपोर्ट में परिवहन विभाग द्वारा कम राजस्व वसूली के कई मामलों का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही साफ दर्शाई गई है। यहां तक कि ऑडिट टीम द्वारा विभाग से जवाब मांगने के बावजूद स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। इस आधार पर कैग ने खुलासा किया है कि 14418 प्रकरणों में परिवहन विभाग 39 करोड़ से ज्यादा की राशि नहीं वसूल सका है। कैग की टीम ने परिवहन विभाग के अलग-अलग कार्यालयों में परीक्षण का कार्य किया। जिसमें सैम्पल के तौर पर 120082 वाहनों के कर राजस्व का परीक्षण किया गया। इसमें सबसे बड़ी लापरवाही परिवहन विभाग के मुख्यालय स्तर के अधिकारियों की सामने आई है। इसके मुताबिक ई-ग्रास सॉफ्टवेयर, जिस पर कि वाहन मालिक टैक्स ऑनलाइन जमा करवाते हैं, वह परिवहन विभाग के वाहन सॉफ्टवेयर से लिंक ही नहीं था। इस कारण जिन वाहनों पर टैक्स बकाया था, परिवहन विभाग के अधिकारियों के पास उनका विवरण ही मौजूद नहीं था। कैग रिपोर्ट में यह सामने आया है कि 13856 प्रकरणों में 31.82 करोड़ की टैक्स चोरी के बाद लगने वाली पैनल्टी नहीं वसूली गई। वहीं 832 मामलों में 7.40 करोड़ रुपए की टैक्स असेसमेंट में अनियमितता पाई गई हैं।
अस्थाई पंजीकरण शुल्क में लाखों रुपए चोरी
- परिवहन वाहनों और गैर परिवहन वाहनों के लिए तय है अस्थाई पंजीकरण शुल्क
- 500 रुपए और 200 रुपए है अस्थाई पंजीकरण का शुल्क
- अलवर आरटीओ में वर्ष 2016-17 में जांच में मिली अनियमितता
- वाहन निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड ने 1589 वाहन बेचे
- 9269 परिवहन वाहन कम्पनी ने स्थानांतरित किए
- 500 रुपए प्रति वाहन की दर से जमा करने चाहिए थे 54.29 लाख
- लेकिन कम्पनी ने विभाग को चुकाए केवल 25.50 लाख
- 28.79 लाख कम वसूली के बारे में विभाग ने नहीं किए प्रयास
- इसी तरह आरटीओ अलवर ने हीरो मोटोकॉर्प से नहीं वसूला समुचित टैक्स
- वर्ष 2016-17 में 955859 वाहनों का किया उत्पादन
- 200 रुपए प्रति वाहन की दर से वसूला जाना था स्थानांतरण शुल्क
- लेकिन आरटीओ के पास नहीं थी उत्पादित वाहनों की संख्या
- केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर अधीक्षक से कैग ने निकलवाए आंकड़े
- अस्थाई पंजीकरण शुल्क 19.12 करोड़ की राशि जमा नहीं कराई हीरो मोटोकॉर्प ने
- न ही अलवर आरटीओ ने किए शुल्क वसूली के प्रयास
कैग रिपोर्ट में मोटर वाहनों से कर वसूली में भी अनियमितताएं सामने आई हैं। मई 2017 से फरवरी 2018 के बीच ऑडिट करने वाले परीक्षकों ने 2081 वाहनों की जांच की। इन वाहनों का अप्रैल 2014 से मार्च 2017 की अवधि का टैक्स जमा नहीं कराया गया था। इन वाहन मालिकों से टैक्स और पैनल्टी के 11.49 करोड़ रुपए वसूल नहीं किए गए। ऑडिट टीम ने जब परिवहन विभाग से इस बारे में जवाब मांगा तो विभाग ने जानकारी दी कि इनमें से 352 वाहनों से 1.63 करोड़ रुपए टैक्स वसूल कर लिया गया था। यानी इसके बावजूद करीब 9.86 करोड़ रुपए की वसूली नहीं की गई। ऑडिट रिपोर्ट में लम-सम टैक्स की किश्तों की वसूली में भी गड़बड़ियां सामने आई हैं।
वाहन बिना टैक्स चुकाए धड़ल्ले से सड़कों पर
मई 2017 से फरवरी 2018 के बीच 1180 वाहनों की जांच में पाया गया कि 496 वाहन मालिकों ने किश्तों में टैक्स चुकाने का विकल्प लिया था। लेकिन इन वाहन मालिकों ने 1 या 2 किश्त चुकाने के बाद बकाया टैक्स नहीं भरा। आर्श्चजनक बात यह है कि न तो इन वाहनों का स्थानांतरण हुआ था, न आरसी सरेंडर की गई थी। यानी ये वाहन बिना टैक्स चुकाए धड़ल्ले से सड़कों पर चल रहे हैं। ऑडिट टीम ने इस स्कीम में 6.46 करोड़ रुपए टैक्स की अवसूली मानी है। देखना होगा कि कैग रिपोर्ट की इन अनियमितताओं पर परिवहन विभाग दोषी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करता है।