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बीते महीनेभर में 80 से अधिक मौतें हो चुकी हैं प्रदेश में, 2045 पॉजिटिव मरीज सामने आए

स्वाइन फ्लू राजस्थान में एक हैवान बनकर अपनी गहरी काली मौत की छाया फैलाता जा रहा है। स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मरीजों और मौत के आंकड़ों ने पिछले करीब 10 सालों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बीते 30 दिनों में देशभर में स्वाइन फ्लू से 170 से ज्यादा मौते हो चुकी हैं। गौर करने वाली बात यह है कि इनमें से 80 मौतें केवल राजस्थान में हुई है जो न केवल एक चिंता का विषय है, साथ ही प्रदेश सरकार एवं चिकित्सा विभाग की नाकामी को भी दर्शाता है। आगे तो क्या कहें, बात खास यह है कि सबसे ज्यादा मौतें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में हुई है। यहां बीते एक महीने में 23 से ज्यादा पीड़ितों ने स्वाइन फ्लू के चलते दम तोड़ दिया। बुधवार को भी 69 अतिरिक्त पॉजिटिव केस के सामने आने के साथ एक मौत भी हुई है। इनमें से 30 केस जयपुर के हैं। पॉजिटिव केसों का आंकड़ा दो हजार के पार निकल गया है लेकिन सरकार अभी तक केवल बहाने और आरोप गढ़ने में लगी हुई है।

हालात यहीं थम नहीं रहे बल्कि अधिक बिगड़ते जा रहे हैं। हाल ही में प्रदेश में बारिश गिरने के बाद न ठंड रूक रही है न ही स्वाइन फ्लू के मरीज। पिछले 30 दिनों में प्रदेश में कुल 2045 पॉजिटिव मरीज रिकॉर्ड हुए हैं जिनमें से ​अधिकांश अस्पतालों में भर्ती हैं। जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल पर पहले से ही लोड ज्यादा है लेकिन अन्य अस्पतालों में स्वाइन फ्लू से रोकथाम के न विकल्प हैं और न ही जांच के लिए पर्याप्त उपकरण। स्वाइन फ्लू का संक्रमण ठंड में तेजी से फैलता है इसलिए राजस्थान सरकार ठंड तो कम नहीं कर सकती लेकिन बिमारी रोकने के लिए पर्याप्त उपाय तो कर सकती है जिसका अभी तक इंतजार हो रहा है।

मौतों का यह सिलसिला डेढ़ महीने से चल रहा है लेकिन चिकित्सा मंत्री को पहले 26 जनवरी को झंडा फहराना था इसलिए उन्होंने न कहीं दौरा किया न ही किसी से स्थिति का जायजा लिया। जब उनके उपर दबाव बढ़ने लगा, तब कहीं जाकर उन्हें मामले की सुध आई और उन्होंने आनन-फानन में वीडियो कॉन्फ्रेंस कर सारी गलती चिकित्सकों के माथे थौंप दी। अब महाशयजी जोधपुर में स्थितियों का जायजा भी लेने पहुंचे हैं लेकिन रोकथाम के प्रयास जब तक नहीं होंगे, स्थि​तियां नियंत्रण में नहीं आएगी।