राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से मौसम में पहले जितनी ठंड नहीं है लेकिन कुछ ऐसे जिले भी हैं जहां पहले से भी ज्यादा ठंड हो गई है। इसकी वजह ठंडी तेज हवा, हल्की बारिश के साथ ओले गिरना है। यही कारण है कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू का जानलेवा प्रकोप कम नहीं हो रहा है। पिछले 45 दिनों में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 120 तक पहुंच गई है जबकि 3190 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। हालात इतने बदतर होते जा रहे हैं कि इसका ताजा उदाहरण हाल ही में देखा गया है। पाली में स्वाइन फ्लू से एक युवक की मौत हो गई जिसकी अंतिम यात्रा में लोग सतर्कता बरतते हुए मास्क लगाकर शामिल हुए।
चिकित्सा विभाग की ओर से स्क्रीनिंग अभियान चलाने के बाद भी पॉजिटिव केस और मौत के मामले के ग्राफ में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। यही नहीं, बीते बुधवार को इस वायरस ने प्रदेश में 6 लोगों की जान ले ली। इनमें झुंझनूं में दो और जयपुर, चूरू, अलवर व चित्तौड़गढ़ का एक शामिल है। केवल एक दिन में 62 नए पॉजिटिव मामले भी सामने आए हैं।
गहलोत सरकार का गृह जिला और गढ़ माने जाने वाला जोधपुर शहर स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतों में सबसे आगे है। अन्य प्रभावित शहरों में जयपुर, बीकानेर, उदयपुर, बाड़मेर, कोटा, सीकर व झुंझनूं आदि हैं। स्वाइन फ्लू के साथ प्रदेश में डेंगू के भी 110 केस अब तक सामने आ चुके हैं। इसमें जयपुर पहले पायदान पर जबकि कोटा व जोधपुर क्रमश: दूसरे व तीसरे नंबर पर है।