स्वाइन फ्लू इस समय राजस्थान में एक ऐसा भयावह दैत्य बनकर सामने आ रहा है जो हर दिन किसी न किसी की जिंदगी लील रहा है। पिछले महीने 83 और फरवरी महीने के शुरुआती 3 दिनों में 9 मौतों के बाद यह सिलसिला यहीं न थमा। सोमवार को भी भीलवाड़ा में एक व्यक्ति स्वाइन फ्लू के चलते अपनी जान गवां बैठा। इसके बाद प्रदेश में स्वाइन फ्लू से होने वाली कुल मौतों की संख्या 93 पहुंच गई है। इसके अलावा, एक ही दिन में 92 पॉजिटिव केस भी सामने आए हैं। इनमें से 41 प्रदेश की राजधानी जयपुर के हैं जो विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। शेष पॉजिटिव मरीज जोधपुर, अजमेर, कोटा, राजसमंद, कोटा, झालावाड़, दौसा, सीकर, झूंझनूं, अलवर, भरतपुर और चूरू जिले के हैं।
फिलहाल प्रदेशभर में स्वाइन फ्लू की जांच के लिए 8 सरकारी एवं 4 निजी लैब हैं। विभाग कह रहा है कि इनकी संख्या 50 तक बढ़ाई जाएगी लेकिन कब, इसका कोई पता नहीं है। जब तक इन लैब की स्वीकृति आएगी शायद तक तक मौतों का आंकड़ा शतक को भी पार कर चुका होगा।
इस मामले को लेकर चिकित्सा विभाग फिलहाल चुप्पी नहीं तोड़ रहा। वहीं चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने विभाग के आला अधिकारियों को सूदूर क्षेत्रों में जांच सुविधाएं उपलब्ध कराने, रिक्त पदों को भरने, सैंपल को जल्द से जल्द निकटवर्ती जांच केन्द्र में ले जाने, चिकित्सकों को समय पर अस्पताल पहुंचने और घरों में प्रेक्टिस करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अब चिकित्सा मंत्री कितने ही आदेश दे लें, वहीं ढांक के तीन पात। विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंगेंगी।
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