राजस्थान सरकार ने प्रदेश में 19 नए जिले बनाने की घोषणा कर दी है इससे कुछ क्षेत्र की जनता में हर्ष का माहौल तो है लेकिन वहीं दूसरी तरफ इस घोषणा ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में संकट की स्थिति भी पैदा कर दी है और इस संकट का कारण राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा जिले की वास्तविक भौगोलिक स्थिति का अनदेखा किया जाना है ।

इसी समस्या का शिकार भरतपुर जिले की कुम्हेर तहसील में स्थित रारह उपतहसील भी बनी है जिसे कुम्हेर तहसील के साथ नवीनतम जिले डीग में शामिल किया गया है।जबकि वास्तविक भौगोलिक स्थिति का निरीक्षण करने पर पाया जाता है कि उपतहसील रारह की दूरी भरतपुर से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर है तथा डीग से रारह की दूरी लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

जिससे रारह क्षेत्र की जनता चाहे किसान वर्ग हो या व्यापारिक वर्ग या अन्य वर्ग सभी को जिले के प्रशासनिक कार्य या अन्य कार्यों हेतु नवीन जिला डीग आने- जाने में असुविधा होगी तथा इस क्षेत्र की जनता को जिले के विभिन्न कार्यों हेतु आने- जाने में समय व आर्थिक दृष्टि से भी असुविधा का सामना करना पडेगा।

वहीं उप तहसील रारह क्षेत्र भरतपुर से नजदीकी के कारण विभिन्न प्रशासनिक कार्यों में सुविधा व समय व आर्थिक बचत भी होती है। यहाँ की भौगोलिक स्थिति के अनुसार रारह से डीग जाने के लिए पहले भरतपुर जिला मुख्यालय से ही गुजरना पड़ेगा इस प्रकार रारह उपतहसील क्षेत्र का डीग जिले में विलय किया जाना किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है। और जब सभी परिस्थितियों में रारह क्षेत्र का भरतपुर जिले के साथ सामंजस्य बैठता है तो फिर राज्य सरकार व जिला प्रशासन की अनदेखी की सजा आम जनता को क्यों? प्रशासन की इसी अनदेखी के खिलाफ रारह उपतहसील क्षेत्र की जनता में राज्य सरकार व जिला प्रशासन के प्रति रोष की भावना जागृत हुई है।

क्षेत्रीय जनता का कहना है कि रारह उपतहसील को तहसील के रूप में क्रमोन्नत कर भरतपुर जिले के साथ यथावत रखा जाना चाहिए अन्यथा जनता द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा तथा किसी भी प्रकार की अनहोनी के लिए जिला प्रशासन व राज्य सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी। वहीं इस प्रकार के अनुचित विलय पर ग्राम पंचायत रारह सरपंच कुसुम सिंह  का कहना कि राजस्थान सरकार द्वारा यह अनुचित विलय किसी भी प्रकार से स्वीकारने योग्य नहीं है तथा बिना भौगोलिक स्थिति का जायजा लिए रारह उपतहसील को कुम्हेर के साथ डीग जिले में सम्मिलित किया जाना सरकार व प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है हमारी मांग है कि रारह उपतहसील को स्वतंत्र तहसील के रूप में क्रमोन्नत कर भरतपुर जिले में यथावत रखा जाए ताकि आम जनता को होने वाली असुविधा से बचाया जा सके।

रारह को स्वतंत्र तहसील बनाया जाना संभव है क्योंकि रारह उपतहसील क्षेत्र के अन्तर्गत अनेक ग्राम पंचायत जैसे- सांतरूक, ताखा, अजान, गुनसारा, अवार, उवार, सोगर, तालफरा आदि ग्राम पंचायतों के पटवार मण्डल वर्तमान में सम्मिलित हैं इनके साथ भरतपुर तहसील की कुछ ग्राम पंचायतों के पटवार मण्डलों जैसे बिलौठी, सैथरा, धौरमुई, सहनावली, मौरोली, जाटौली, हथैनी आदि को उप तहसील रारह में जोड़कर तहसील में क्रमोन्नत किया जा सकता है।

ग्राम पंचायत रारह के पूर्व सरपंच एवं भाजपा किसान मोर्चा के ज़िलाध्यक्ष मोहन रारह ने कहा कि इस प्रकार का विलय रारह क्षेत्र की आम जनता के लिए यकीनन असुविधाजनक है सरकार को चाहिए कि रारह उपतहसील को तहसील में क्रमोन्नत कर भरतपुर जिले में यथावत रखा जाए तथा रारह का डीग जिले में सम्मिलित किया जाना किसी भी परिस्थिति में स्वीकारने योग्य नहीं होगा तथा क्षेत्रीय जनता में रोष का माहौल है तथा लोगों की बात नहीं सुने जाने पर लोग सड़कों पर आकर आंदोलन को तैयार है तथा किसी अनहोनी की जिम्मेदारी स्वयं राज्य सरकार व जिला प्रशासन की होगी।

Reporter- Ashish Verma