बीकानेर। गुरु बिन हम ज्ञान कहाँ से पाएँ, शिक्षा से रोशनी कैसे पाएँ। कहते हैं गुरु विद्यार्थी के जीवन को पूर्णता प्रदान करता है। गुरु वह जो जीवन के सागर को पार कराता है। लेकिन वर्तमान में ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं कि गुरु के अभाव में विद्यार्थियों को धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है, भूख हड़ताल करनी पड़ रही है, मोर्चा निकाल कर जिला मुख्यालयों तक पैदल कूच करना पड़ रहा है। इसे क्या कहें? शिक्षा पाने की कामना रखने वाले विद्यार्थियों के अधिकारों का हनन या व्यवस्था का पतन या फिर शिक्षा का राजनीतिकरण। अपने विद्यालय में रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती के मांग को लेकर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, डण्डी, तहसील पूगल से 110 कि.मी. पैदल चल कर 250 बच्चों और ग्रामीणों का जत्था जिला कलक्टर कार्यालय, बीकानेर पहुँचा।
मोहम्मद अली सरपंच ने बताया कि शिक्षा विभाग को रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए बार-बार निवेदन करने के बाद भी रिक्त पदों को भरा नहीं गया है जिसके कारण शिक्षण कार्य अवरूद्ध है। विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने अपनी मांग को लेकर 21 जनवरी से तालाबन्दी तथा छात्र तसलीम, अरमान, धर्माराम, मून्नीराम, साबीर अली तथा ग्रामीण भूराराम, अख्तर अली, छोटूराम, तुल्क्षा राम, सुभाष धारणिया, कुलदीप सिंह भूख हड़ताल पर बैठे है तथा 24 जनवरी को पैदल कुच करके आज बीकानेर पहुंचे हैं तथा मांगे पूरी नहीं होने तक जिला मुख्यालय पर ही बैठे रहेंगे। कुच और धरना प्रदर्शन में रसीद अली, रियाज अली, सुभाष गोदारा, सुभाष खीचड़, लियाकत अली, राजकुमार, सोनू लेखाला आदि का सहयोग प्राप्त हुआ।