आप अकसर बैंक जाते होंगे और वहां अपने खाते से रूपयों का लेनदेन भी करते होंगे। देश के कुछ बैंक सोने या गोल्ड का लेनदेन भी करते हैं। लेकिन क्या आपने सुना है कि कोई बैंक कपड़ों का लेनदेन करता हो और अपने उपभोक्तओं को नकदी की जगह कपड़े बांटता हो। निश्चित तौर पर आपने नहीं सुना होगा लेकिन सीकर जिले के अजीतगढ़ में एक बैंक कुछ ऐसा ही कर रहा है। इस बैंक का नाम है श्रीनारायण कपड़ा बैंक। इस बैंक में रुपए का लेनदेन होने के बजाय गरीब बेसहारा व जरूरतमंदों के तन को कपड़ों से ढकने का लेनदेन किया जाएगा।
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सुनने में भले ही यह बात थोड़ी अटपटी लगे लेकिन अजीतगढ़ के युवाओं के लिए यह एक साहसिक पहल है। यहां के दर्जनभर युवाओं ने सामाजिक सरोकारों में कदम बढ़ाते हुए श्रीनारायण कपड़ा बैंक की स्थापना की है। यह सभी युवा घर-घर से लोगों से पुराने व अनुपयोगी कपड़े एकत्रित करते हैं और अपने बैंक में जमा करते हैं। जब कुछ मात्रा में कपड़े इकठ्ठे हो जाते हैं तो फिर उन कपड़ों को खानाबदोश व गरीब परिवारों को बांट देते हैं।
बैंक के कार्यकर्ता दिनेश मिश्रा व धर्मेंद्र चौधरी का कहना है कि आमजन के सहयोग से शुरू कपड़ा बैंक में कपड़े जमा करवाने के लिए चार केंद्र बनाए गए हैं। यहां कोई भी कपड़े जमा करवा सकता है। बैंक में जमा कपड़ों को हर माह जरूरतमंद को वितरित किया जाएगा।
खानाबदोशों की फटी हालत देखकर आया हौसला
यहां के युवाओं का कहना है कि एक दिन कुछ खानाबदोश व गरीब परिवारों के बच्चों को फ़टे पुराने कपड़ो में देखकर उन्होंने इनकी मदद करने की ठानी। युवाओं ने श्रीनारायण कपड़ा बैंक की स्थापना कर घर घर लोगों से पुराने अनुपयोगी कपड़े एकत्रित करने का अभियान शुरु किया। युवकों की पहल को यहां के लोगों ने भी सराहा और भरपूर सहयोग देना शुरू किया। इस पहल में रेडीमेड कपड़ों ने व्यापारियों ने भी साथ दिया और आऊट आॅफ फैशन वाले कपड़े इन्हें देना शुरू कर दिया है। इन सभी कपड़ों को खानाबदोश परिवारों के बच्चों और अन्य गरीब लोगों को बांट दिया जाता है।
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source: Patika
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