प्रदेश के गांवों में भी अब आबादी के बीच सिनेमाहॉल, मॉल और होटल बन सकेंगे। चुनावी साल में वसुन्धरा सरकार ने ग्राम पंचालतों को आबादी भूमि से व्यावसायिक, औद्योगिक, संस्थानिक व अन्य श्रेणियों में भू उपयोग परिवर्तन अधिकार देने का रास्ता साफ कर दिया है। अब तक सिर्फ कृषि भूमि को अन्य श्रेणी में परिवर्तित करा व्यावसायिक गतिविधियां कर सकते थे। यह अधिकार भी पंचायती राज के पास न होकर राजस्व विभाग के पास था।
क्या हैं नए नियम
नियमों में स्पष्ट किया गया है कि ऐसी भूमि का उपयोग परिवर्तन नहीं किया जाएगा जो सरकार या पंचायत ने आबादी उपयोग के लिए रियायती दरों पर आवंटित की थी। पंचायतों को भू-उपयोग परिवर्तन के अलावा आबादी भूमि में एक पट्टे को दो भागों में विभाजन और दो पट्टों के पुनर्गठन के अधिकार भी दिए हैं।
तकनीकी शिक्षा के लिए शुल्क नहीं
यदि कोई भूमि तकनीकी शिक्षा संस्थान के लिए भू-उपयोग परिवर्तन कराएगा तो उससे शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग की सिफारिश अनिवार्य होगी। अन्य श्रेणी से भूमि परिवर्तन के लिए सिर्फ आवेदन शुल्क ही देय होगा।
इनका कहना है …
यह स्पष्ट करना होगा कि गांवों में पिछले कई वर्ष से जो लोग छोटा-मोटा व्यापार या दुकान चला रहे हैं, उनका क्या होगा। दूसरा बड़ा मुद्दा रिकॉर्ड कीपिंग का है। सरकार को पहले रिकॉर्ड दुरूस्त करने की मशक्कत करनी होगी।
– आर.पी. चौधरी, ग्रामीण विकास विभाग के सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता
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