उदयपुर का शिल्पग्राम उत्सव आज से शुरु हो चुका है। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से शहर के हवाला गांव स्थित शिल्पग्राम में 10 दिवसीय इस उत्सव राष्ट्रीय हस्त शिल्प एवं लोक कला उत्सव का आयोजन 21 दिसम्बर से 30 दिसम्बर, 2018 तक होगा। नगाड़ा वादन और दीप प्रज्जवलन के साथ रंगारंग शिल्पग्राम उत्सव की शुरुआत हुई। हालांकि इस कार्यक्रम का उद्घाटन महामहीम राज्यपाल कल्याण सिंह चौहान के हाथों होना था लेकिन किसी कारणवश राज्यपाल न आ सके। उनकी अनुपस्थिति में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवींद्र माहेश्वरी, सुखाड़िया विवि.के कुलपति प्रो.जेपी शर्मा, एमपीयूएटी के कुलपति उमा शंकर शर्मा, केन्द्र निदेशक फुरकान खान ने किया। राज्यपाल कल्याण सिंह ने उत्सव को लेकर संदेश भेजा जिसे पढ़कर सभी को सुनाया।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, विकास आयुक्त हथकरघा, नई दिल्ली, राष्ट्रीय पटसन बोर्ड, ट्राइफेड तथा क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों के सहयोग से आयोजित इस उत्सव में देश के विभिन्न राज्यों के 700 लोक कलाकार व 800 शिल्पकार तथा व्यंजन के शिल्पी शिरकत कर रहे हैं।
बता दें, शिल्पग्राम उत्सव का हर साल आयोजित किया जाता है ताकि कारीगरों को शिल्प कौशल प्रदर्शित किया जा सके। यह महोत्सव देश के विभिन्न क्षेत्रों में शिल्प पैदा करते हैं और लोक कलाकारों को बिना किसी मध्यस्थ बाजार के कला का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करता है। रंग-बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन यहां किया जाएगा।
शिल्पग्राम उत्सव में लिपाई-पुताई और अलंकरणों से शिल्पग्राम की पारंपरिक आभा यहां आने वाले पर्यटकों को लुभा रही है। राजस्थान की रामा व सम झोपड़ी हो या गुजरात के कच्छ अंचल की बनी झोपड़ी का समूह, भुजोड़ी, लामड़िया व राठवा या गोवा की झोपड़ियां कमोबेश समूचा शिल्पग्राम सौन्दर्य के यौवन देश भर के कलाकारों और शिल्पकारों के लिये उन्मादित हो रहा है। मुक्ताकाशी रंगमंच ‘कलांगन’ की सजावट के साथ शिल्पग्राम परिसर में विभिन्न जगहों पर लगाए द्वारों का शिल्पन नयनाभिराम बन सका है। उत्सव की रौनक तथा कला प्रस्तुतियों के ट्रेलर के रूप में शिल्पग्राम के बंजारा रंगमंच पर दिन में चार बार होने वाली लोक कला प्रस्तुतियों को देखने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी एकत्र हो रहे हैं।
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