राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत चल रहे सात दिवसीय कैंप (23मार्च से 29 मार्च) का समापन आज दिनांक 29 मार्च को हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ सुरेंद्र सिंह यादव, सह समन्वयक युवा कौशल विकास, एनएसएस ,कॉलेज शिक्षा, राजस्थान थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉक्टर आरती गंगन द्वारा की गई तथा कार्यक्रम का संचालन एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी श्री पंकज यादव द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ.आंकक्षा कौशिक, सहायक आचार्य श्रीमती चंद्रकांता पिलवाल तथा अन्य स्टॉफजन उपस्थित थे। समापन समारोह में विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम यथा नृत्य और गायन की प्रस्तुति दी गई।
मुख्य अतिथि डॉ सुरेंद्र सिंह जी ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य स्वयं से पहले समाज की सेवा है। आपने जो 7 दिन यहां इस कार्यक्रम में बिताए , इससे आपके जीवन में महत्वपूर्ण अनुभव आपको प्राप्त हुए जिनका भविष्य में चलकर आपको महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा । श्री सुरेंद्र सिंह जी ने स्वयंसेवकों से मोबाइल के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता जाहिर करी तथा युवाओं से खेलों की ओर रुझान बढ़ाने को प्रोत्साहित किया। साथ ही प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
कार्यक्रम अधिकारी श्री पंकज यादव ने सात दिवस में संचालित की गई विभिन्न गतिविधियों और अन्य कार्यक्रमों का विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। श्री पंकज यादव ने बताया कि विशेष शिविर में बहुत से अलग-अलग विधाओं के वक्ताओं द्वारा अभिभाषण दिए गए। जिनमें प्रमुख रूप से डॉ विकास नौटियाल, डॉ सर्वेश यादव, एसडीआरएफ विभाग के डॉ हरीश सांवरिया जी, योगाचार्य डॉक्टर ममता सैनी, सहायता एनजीओ से डॉ नीरजा ग्रोवर तथा आई डोनेशन सोसाइटी, जयपुर की तरफ से सुमंगला शेखावत आदि द्वारा विभिन्न विषयों पर विद्यार्थियों को अलग-अलग क्षेत्रों की विस्तृत जानकारी दी गई।
स्वयंसेवकों द्वारा दुर्गापुरा गोशाला का भ्रमण और गौ सेवा की गई तथा टोंक रोड स्थित गौतम नगर बस्ती में सर्वे कार्य किया गया । इस प्रकार श्री यादव जी ने विशेष शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आरती गंगन द्वारा दिया गया। उन्होंने मुख्य अतिथि डॉ सुरेंद्र सिंह का धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए और अपना मूल्यवान समय महाविद्यालय को देने के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम के अंत में स्वयं सेवकों स्वयंसेवकों को सात दिवसीय विशेष शिविर में आयोजित हुई प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।