आज सावन का पहला सोमवार है। सावन सोमवार के चलते प्रदेशभर के शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगने लगा है। एक ओर जहां सभी शिव मंदिरों में भगवान शिव के रुद्राभिषेक की तैयारियां हो रही है, वहीं दूसरी ओर, भोर से पहले ही शिवालय बम-बम भोले और हर हर महादेव के जयकारों से गूंजायमान हो उठे। जगह-जगह मंदिरों में जल, दूध, दही आदि से भगवान शंकर को नहलाया जा रहा है। मंदिरों में लगी लंबी लाइन प्रदेश में श्रद्धा माहौल को पूरी तरह बयां करती दिख रही है। सावन सोमवार के पहले दिन शहर के झारखंड महादेव सहित सभी शिवालयों में जमकर भीड़ उमड़ रही है। सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस बल पहले से तैनात है। घरों में भी जलाभिषेक कर शिव वंदना की जा रही है।
भगवान शिव के सबसे प्रिय माह सावन के पहले सोमवार की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे।
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं।
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ॥
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥ pic.twitter.com/j38r66Hy0f— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) July 30, 2018
शाम को शिव श्रृंगार की पूरी तैयारी
शिवालयों में पहले सावन सोमवार की शाम शिव परिवार के विशेष श्रृंगार की पूरी तैयारी हो रही है। बिल्वपत्र, शमी के पत्ते और धतूरा चढ़ा पूजा हो रही है। मंदिरों को सजाया जा चुका है। कई स्थानों में भंड़ारों का आयोजन भी हो रहा है। वैसे तो सावन के महीने में शिव को दूध चढ़ाने की परंपरा है। इसके अलावा शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी तरह की सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। कई पार्क में महिलाओं के लिए झूला झूलने की सुविधा भी बनाई गई है।
भूलकर भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये चीजें
- हल्दी व कुमकुम: हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और कुमकुम का सौभाग्य से है। भगवान शिव वैरागी है। यही वजह है कि दोनों की भगवान भोले शंकर को नहीं चढ़ती।
- टूटे हुए चावल, खंड़ित बिल्वपत्र: टूटा हुआ चावल एवं खंड़ित बिल्वपत्र अपूर्ण और अशुद्ध होते हैं। इसलिए भूल से भी इन दोनों सामग्रियों को शिव पूजा में इस्तेमाल न करें।
- तुलसी: वैसे तो तुलसी को सबसे पवित्र व शुभ माना जाता है लेकिन भगवान शिव ने तुलसी के पति असुर जलंघर का वध किया था। इसलिए शिव पूजा में कभी भी तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए।
- तिल: यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है, इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए।
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