राजस्थान सरकार के द्वारा केन्द्र सरकार की सौभाग्य योजना में किए गए कार्य को जमकर सराहना मिली है। असल में वसुन्धरा सरकार ने सौभाग्य योजना में शत प्रतिशत और उज्जवला योजना में 82 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। राज्य की इस प्रगति को देखकर खुद केंद्रीय कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने राज्य सरकार की जमकर तारीफ की। साथ ही सौभाग्य योजना में सौ फीसदी लक्ष्य हासिल करने पर चीफ सेक्रेटरी डीबी गुप्ता को विशेष तौर पर बधाई भी दी।
केंद्रीय कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने 10 मई को चीफ सेक्रेटरी डीबी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री उज्जवला योजना और सौभाग्य योजना की प्रगति की समीक्षा की। जब राजस्थान की प्रगति की समीक्षा की तो सामने आया कि सौभाग्य योजना में प्रदेश 100 फीसदी लक्ष्य पूरा कर चुका है जबकि उज्जवला योजना में 82 फीसदी लक्ष्य प्राप्त किया गया है।
इस संबंध में चीफ सेक्रेटरी डीबी ने बताया कि 15 मई तक 8 जिलों में और 31 मई तक प्रदेश के बाकी जिलों में ग्रामीण घरों में रसोई गैस की आपूर्ति करके सौ फीसदी लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा। सिन्हा ने देश के अन्य राज्यों को भी राजस्थान मॉडल अपनाने की सलाह दी। इस अवसर पर अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
क्या है सौभाग्य योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वकांक्षी योजना के तहत जिन लोगों का नाम 2011 की सामाजिक आर्थिक जनगणना में है, उन्हें इस योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। लेकिन जिन लोगों का नहीं है, उन्हें बिजली का कनेक्शन 500 रुपए की दस आसान किस्तों में उपलब्ध है। जहां बिजली नहीं पहुंची है, वहां इस योजना के तहत सरकार की ओर से हर घर को एक सोलर पैक दिया जाएगा जिसमें पांच एलईडी बल्ब और एक पंखा होगा। सरकार ने इस योजना के लिए 16 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा है।
क्या है उज्जवला योजना
‘स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन’ नारे के साथ केंद्र सरकार ने 1 मई, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरूआत की है। यह योजना एक धुंआरहित ग्रामीण भारत की परिकल्पना करती है और वर्ष 2019 तक 5 करोड़ परिवारों, विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को रियायती एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखती है।
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