जयपुर। राजस्थान की सांभर झील में हजारों संख्या में पक्षियों की मौत के बाद शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया है। देशी और विदेशी पक्षियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 5 दिन में 10 हजार से ज्यादा पक्षियों की मौत के बाद अब केंद्र सरकार ने सांभर झील में टीम भेजी है। सांभर झील में इस तरह से अचानक पक्षियों की मौत का मामला किसी की समझ में नहीं आ रहा है। इसके चलते मामले की जांच के लिए अब बरेली और देहरादून में सैंपल भेजे गए हैं।

पक्षियों की मौत बनी पहेली
चिंता की बात ये है कि पक्षी त्रासदी के सामने आने के दस दिन बाद भी बुनियादी सवाल वहीं का वहीं है कि पक्षियों की मौत किस कारण से हुई? वन विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो मारे गए पक्षियों की 16 हजार 500 को पार चुकी है, जिंदा रेस्क्यू किए गए पक्षियों की तादाद 450 के पार है। जयपुर जिले के अलावा नागौर जिले से सटे झील क्षेत्र में भी पक्षियों के मौत के मामले सामने आए हैं, जहां पर पक्षियों को बचाने का काम जारी है। मामले में कई विभागों की टीम मौके पर काम कर रही है।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने भी पक्षियों की मौत पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है और केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की टीम सांभर झील भेजी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नमक में आद्रता ज्यादा होने की वजह से मौत हुई है, तो कुछ इसे बोटूलिज्म का इन्फेक्शन बता रहे हैं।