हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट द्वारा राजस्थान में चलाए गए मेरा बूथ मेरा गौरव अभियान में कांग्रेस समर्थकों की आपसी लड़ाई और नोकझोंक किसी से छिपी नहीं रही। अब यह अभियान तो समाप्त हो गया लेकिन गुटबाजी खत्म नहीं हुई। ऐसा ही एक दृश्य देखने को मिला पीसीसी मुख्यालय के बाहर, जहां दो कांग्रेसी समर्थकों के बीच आपस में जमकर लात-घूसे चले। यहां तक की कांग्रेस के झंडे बाद में जाकर लाठियों में बदल गए और उन्होंने एक-दूसरे पर ही जमकर लाठियां बांजी। भारी हंगामे के बीच पायलट यहां पहुंचे और मामला शांत कराया।
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हुआ कुछ यूं कि कांग्रेस में टिकट वितरण की मशक्कत के बीच अब दावेदारों के समर्थकों की भिडंत शुरू हो गई है। शुक्रवार को जैसी ही प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के जयपुर पहुंचने की सूचना मिली, निवाई से टिकट मांग रहे प्रशांत बैरवा की दावेदारी के विरोध में भारी संख्या में लोग गाड़ियों में भरकर पीसीसी पहुंचे। जब कार्यालय में सेवादल के लोगों ने इन्हें अंदर नहीं घुसने दिया तो इन लोगों ने मुख्य द्वार पर नारेबाजी शुरू कर दी। मामला सामने आते ही बैरवा ने अपने कुछ समर्थकों को भी घटना स्थल पर भेज दिया। फिर यहां पक्ष व विपक्ष में तेज नारेबाजी का शुरू हुआ सिलसिला पहले धक्का-मुक्का और बाद में हाथापाई एवं मारपीट तक पहुंच गया। जो झण्डे लहराए जा रहे थे, उन्हें लाठी लेकर एक-दूसरे पर चलाना शुरू कर दिया। बाद में पुलिस ने बीच-बचाव करते हुए दोनों दलों को अलग-अलग कर दिया।
भारी हंगामे और नारेबाजी के दौरान पायलट भी पीसीसी पहुंचे। यहां आपसी समझाइश के बाद भी मामला तूल पकड़ता रहा। सचिन पायलट के पीसीसी में प्रेसवार्ता करने और लोगों से मुलाकात के दौरान भी बाहर नारेबाजी जारी रही। उनके जाने के बाद शाम को लोग वापिस लौट गए।
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