राजस्थान में विधानसभा चुनाव अभी दूर हैं लेकिन उपचुनाव इसी महीने में हैं। उपचुनावों में कांग्रेस को अच्छे परिणामों का इंतजार है लेकिन इससे पहले ही पार्टी में गुटबाजी और मनमुटाव दिखना शुरू हो गया है। कांग्रेस का पूरा पार्टी धड़ा पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलेट में बंट गया है। इसका असर तब देखने मिला जब सीकर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अशोक गहलोत ने इशारों-इशारों में सचिन पायलट पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि ‘प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष भी मुख्यमंत्री के सपने देखने लगे हैं और खुद को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश करने लगे हैं। कांग्रेस में प्रचलित यह परंपरा ठीक नहीं है। यह पार्टी के लिए भी ठीक नहीं है। इसका फैसला हाईकमान करेगा।’ उनका यह बयान पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद आया है।
आगे अशोक गहलोत ने कहा कि ‘पार्टी के कुछ लोगों में प्रदेश इकाई के अध्यक्ष को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाने की जो सोच है, वह अच्छी नहीं है। इससे पार्टी की छवि खराब होती है। मैंने कभी पार्टी हाईकमान से उनकी कृपा दृष्टि या पद की मांग नहीं की। लेकिन मुझे अपनी निष्ठा का इनाम मिला और विधानसभा चुनाव में जीत हासिल होने पर मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया। मैं कांग्रेस हाईकमान के प्रति निष्ठावान बने रहेंगे और उनके आदेशों का पालन करूंगा।’ इसके दूसरी ओर, सचिन समर्थकों का यह मानना है कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत को गुजरात चुनाव का प्रभारी बनाकर उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों से अलग किया जा चुका है।