जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच संबंधों में शुरू हुई कड़वाहट खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आया है। सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। पायलट ने बुधवार को जयपुर में कहा कि जिस तरह से राज्य में कुछ घटनाएं हुई हैं वे नहीं होनी चाहिए थीं। कानून-व्यवस्था हमारी जिम्मेदारी है। उनका इशारा अलवर के बहरोड़ जेलब्रेक कांड की तरफ था। उन्होंने कहा कि अलवर में जिस तरह से जेलब्रेक हुआ या फिर दूसरी जगह पर घटनाएं हुई हैं, यह नहीं होनी चाहिए थीं। हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि हमारी मां-बेटियां सुरक्षित रहें और सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
कमियां दूर करने की जरूरत – पायलट
गहलोत सरकार जयपुर में पत्थरबाजी और बेहरोर कांड के बाद से निशाने पर है। इसके अलावा पहलू खान केस में सभी 6 आरोपियों के बरी हो जाने के बाद गहलोत सरकार की देशभर में आलोचना हुई है। पायलट ने कहा, ‘राज्य के लोगों को हमसे काफी अपेक्षा है, इसलिए हमें और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। कानून और व्यवस्था शासन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमें अपनी कमियां दूर करने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत है।’
पूर्व सीएम को सुविधाओं पर पायलट बोले
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बंगला खाली करने को लेकर मंगलवार को सचिन पायलट का बयान सामने आया था। इसमें भी पायलट और गहलोत के बयानों में विरोधाभास सामने आया था। वहीं, नेता प्रतिपक्ष की ओर से कानून व्यवस्था को लेकर उठाए गए सवालों के बाद परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि जब कटारिया गृहमंत्री थे तो एक मुलजिम को झालावाड़ ले जाने के दौरान 3 पुलिसकर्मी मारे गए थे। ऐसे में बीजेपी को ऐसी बयानबाजी शोभा नहीं देती।
गहलोत से गृह विभाग नहीं संभल रहा- नेता प्रतिपक्ष
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ओर बीजेपी के वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया ने एक दिन पहले ही गहलोत सरकार में कानून और व्यवस्था के बिगड़ने की कई घटनाओं के बाद राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि गहलोत से गृह विभाग नहीं संभल रहा है तो किसी अन्य साथी को जिम्मेदारी दे दें।