जयपुर। सचिन पायलट ने राजस्थान के उदयपुर में 13 से 15 मई तक होने वाले कांग्रेस चिंतन शिविर से पहले बड़ा बयान दिया है। सचिन ने कहा कि कांग्रेस युवाओं को नेतृत्व में आगे रखने का हमेशा से प्रयास करती रही है। चिंतन शिविर में शामिल हो रहे आधे डेलिगेट्स की उम्र 40 साल से कम है। आलाकमान ने ग्राउंड रिपोर्ट लेने के लिए युवाओं को तवज्जो दी है। पूर्व पीसीसी चीफ पायलट ने उम्मीद जताई कि इस शिविर के बाद जो संगठनात्मक बदलाव जरूरी हैं वह भी होंगे।
देश में कांग्रेस ही एनडीए को हरा सकती है
सचिन पायलट ने कहा कि सोनिया गांधी जी ने बहुत सोच-समझकर इस चिंतन शिविर को एक महत्वपूर्ण समय पर बुलाया है। दो-तीन राज्यों के चुनाव इस साल हैं। लोकसभा चुनाव भी दो साल बाद होने वाले हैं। ये बात सच है कि देश में एनडीए और भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर अगर कोई चुनौती देकर हरा सकता है तो वो कांग्रेस है। कांग्रेस पार्टी के साथ हमारे जो सहयोगी दल हैं, उन सब को साथ लेकर हम लोग रणनीति बनाना चाहते हैं।
शिविर के बेहतर परिणाम सामने आयेंगे
प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री पायलट ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस को तो दोषी ठहराती है लेकिन 8 सालों में केन्द्र सरकार ने क्या किया उसका कोई जवाब नहीं देती है। उन्होंने कहा कि पार्टी का आगामी रोडमैप क्या होगा इसे लेकर शिविर में चर्चा होगी। इस शिविर के बेहतर परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने से बीजेपी को क्लीन चिट नहीं मिली है। लोगों को भड़काया जा रहा है जबकि लोग चाहते हैं कि अमन-चैन कायम रहे। केंद्र सरकार लगातार देश की संपत्तियों को बेच रही है।
बिजली संकट पर केन्द्र को घेरा
सचिन पायलट ने कहा कि देश में गहराते बिजली संकट पर केन्द्र सरकार को घेरते हुये कहा कि क्या उसे इसकी पहले से तैयारी नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि पूरा देश आज कांग्रेस की ओर देख रहा है कि हम आने वाले समय में बीजेपी को चुनौती देंगे। उल्लेखनीय है कि उदयपुर में 13 मई से 15 मई तक होने जा रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर के लिये पार्टी के बड़े नेताओं ने वहां डेरा डाल दिया है। शिविर में कांग्रेस के देशभर के बड़े नेता जुटेंगे और अपनी अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे।
पायलट के बयान के सियासी मायने
सचिन पायलट ने युवाओं को अहमियत देने का बयान देकर पार्टी के ओल्ड गार्ड्स नेताओं को मैसेज देने की कोशिश की है। इसके जरिए संकेत यह भी है कि आगे अब युवाओं को ही लीडरिशप मिलेगी।