जयपुर। राजस्थान के सियासी गलियारों में 2023 के चुनावों से पहले बयानों का तूफान आ गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को सीधे एक तीर से कई निशाने एक साथ लगाए। मुख्यमंत्री गहलोत के ‘विस्फोटक’ बयानों से गरमाए राजनीतिक माहौल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे के बीच पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मंगलवार को जयपुर में ‘बम’ फोड़ दिया। पायलट ने प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत कांग्रेस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की मजबूती से की और फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर हमलावर हुए। उन्होंने कहा, पहली बार देख रहा हूं कि कोई अपनी ही पार्टी के सांसदों और विधायकों की आलोचना कर रहे हैं। भाजपा नेताओं की तारीफ और कांग्रेस नेताओं का अपमान मेरी समझ से बाहर है। यह पूरी तरह गलत है।

‘सोनिया गांधी नहीं, वसुंधरा राजे हैं अशोक गहलोत की नेता’
कांग्रेस के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री की बातों से लगता है कि उनकी नेता वसुंधरा राजे हैं, सोनिया गांधी नहीं। अपने नेताओं को खुश करने के लिए बहुत सारे लोग बहुत सारी बातें करते हैं, चुगली करते हैं। ऐसी बातें मुझसे भी की जाती हैं, लेकिन मैं मंच पर ये कहूं तो यह शोभा नहीं देता है।

‘मैं अब नाउम्मीद हो गया हूं’
पायलट ने कहा कि मुझे कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के बाद मैंने जी-जान लगाकर मेहनत की लेकिन कभी अनुशासन तोड़ने का काम मैंने नहीं किया। पायलट ने कहा कि मुझे गद्दार, कोरोना क्या कुछ नहीं कहा लेकिन मैंने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने का काम कभी नहीं किया। पायलट ने कहा कि मैंने BJP सरकार के समय के भ्रष्टाचार की जांच के लिए सीएम को कई चिट्ठियां लिखीं लेकिन अब समझ आ रहा है कि उनमें जांच क्यों नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मैं जब-जब वसुंधरा सरकार के करप्शन की बात करता हूं तो कोई जवाब नहीं आता है। अब मैं नाउम्मीद हूं। जनता ही भगवान है।

’25 सितंबर का घटनाक्रम गद्दारी’
पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को सोनिया गांधी ने अजय माकन और खरगे को विधायक दल की बैठक के लिए जयपुर भेजा था लेकिन वह मीटिंग नहीं हो पाई। पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को विधायकों के बहिष्कार करने से हमारी पार्टी अध्यक्ष की बेईज्जती हुई, उनका अपमान किया गया वो गद्दारी थी। पायलट ने कहा कि विधायकों से जबरदस्ती इस्तीफे लिए गए और वह घटनाक्रम दिखाता है कि अनुशासन किसने तोड़ा और पार्टी के साथ किसने गद्दारी की। पायलट ने कहा गहलोत का बयान गंभीर राजनीति का परिचय नहीं है और यह उन्हें शोभा नहीं देता है।

125 किलोमीटर की निकालूंगा पदयात्रा
पायलट ने कहा कि मैं 11 मई को अजमेर में आरपीएससी मुख्यालय से एक यात्रा निकालूंगा और मैंने जनता के बीच जाने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे मसलों पर नौजवानों के लिए पदयात्रा निकालने जा रहा हूं। पायलट के मुताबिक अजमेर से चलने वाली यह यात्रा 5 दिन बाद जयपुर पहुंचेगी और यह यात्रा किसी के विरोध में नहीं है।

पायलट ने दिए फैसला लेने के संकेत
पायलट ने अपने तेवर बरकरार रखते हुए कहा कि मैं अब जनता की आवाज हमेशा सुनता आया हूं। अब जनता जनार्दन के बीच जाकर मैं नौजवानों और करप्शन के मुद्दे पर एक जन संघर्ष यात्रा निकालूंगा। पायलट के मुताबिक वह 125 किलोमीटर की यात्रा निकालेंगे। इसके साथ ही पायलट ने आगे कहा कि सही निर्णय जनता का पूरा साथ होने और जनता का दबाव होने पर लिए जाएंगे। दरअसल पिछले काफी समय से पायलट के अपना फैसला लेने की अटकलें लगाई जा रही है जहां अब पहली बार पायलट ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वह सही समय आने पर फैसला लेंगे।