जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे जैसे पास आ रही है, वैसे वैसे सियासी बयान बाजी तेज हो रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बीच जारी जुबानी जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दोनों ही नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहते है। प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के उनको गद्दार वाले बयान का एक बार फिर जवाब दिया है। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पायलट ने कई मुद्दों पर चर्चा की। इसी दौरान उन्होंने अपने ऊपर दिए गए बयान का भी जवाब दिया है।

‘सुनकर किसे बुरा नहीं लगेगा’
सचिन पायलट ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा कि मैं मानता हूं कि शब्दों का चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है। हमारी ऐसी संस्कृति है कि हमसे जो उम्र में बड़े हैं हमने उनका हमेशा सम्मान किया है। जिस व्यक्ति ने ये शब्द बोला है सवाल उनसे पूछना चाहिए। जो मेरे लिए शब्दों का इस्तेमाल किया गया उसे सुनकर किसे बुरा नहीं लगेगा, लेकिन मैंने सोचा अगर मैं भी ऐसे ही तीखे शब्दों का इस्तेमाल करूंगा तो जो लोग हमें देख रहे हैं वे क्या सोचेंगे। मैं कभी ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करूंगा। इन शब्दों से किसे लाभ मिलेगा।

‘शब्द एक बार निकले तो वापस नहीं जाते’
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आप विरोध कर सकते हो, असहमत हो सकते हो, लेकिन मैंने ऐसे शब्दों का कभी इस्तेमाल नहीं किया, जिसका बाद में मुझे अफसोस हो। क्योंकि शब्द एक बार निकल जाते हैं वापस नहीं जाते हैं। जनता के बीच मेरी साख कम हो। अगर मैं आपको पसंद नहीं करता हूं तो बहुत तरीके हैं अपनी नापसंद दर्ज कराने के।

सीएम गहलोत ने लगाए थे ये गंभीर आरोप
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले साल कहा था कि जिसने बगावत की हो और जिसे गद्दार कहा गया हो, ऐसे व्यक्ति को विधायक कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वह मुख्यमंत्री नहीं बन सकता। गहलोत ने कहा कि उन्होंने पार्टी को धोखा दिया, गद्दारी की है। पायलट पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा था कि 2020 में उन्होंने बीजेपी नेताओं से मिलकर अपनी ही सरकार गिराने की कोशिश की थी।

‘राजस्थान में बीजेपी की हालत बेहद खराब’
सीएम गहलोत ने कहा कि हमसे ज्यादा भारतीय जनता पार्टी की स्थिति खराब है। उन्होंने कहा कि जितनी स्थिति राजस्थान में बीजेपी की खराब है इतनी भाजपा की किसी भी स्टेट में नहीं है। इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में सियासी हलचल तेज हो गई है। समझा जा रहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की तरफ से कोई बड़ा फैसला हो सकता है।