जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के कुछ वक्त पहले ही कांग्रेस की रार एक बार फिर शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मंगलवार को उपवास पर बैठ गए है। पायलट के अनशन से पहले कांग्रेस प्रभारी की ओर से इसे पार्टी विरोधी गतिविधि बताया है लेकिन इसके बावजूद पायलट ने अपना अनशन शुरू कर दिया है। पायलट के अनशन के लिए शहीद स्मारक पर मंच बनाया गया है जहां महात्मा गांधी की फोटो लगाई गई है और मंच पर पायलट अकेले ही बैठे हैं।
पोस्टर से गायब राहुल-सोनिया
धरनास्थल पर पायलट के मंच से कई तरह के पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें राहुल-सोनिया के साथ ही किसी भी कांग्रेसी नेता की फोटो नहीं लगी है। वहीं उनके मंच पर केवल महात्मा गांधी की फोटो लगाई गई है। उपवास में केवल समर्थक आएंगे। बताया जा रहा है कि सचिन ने अपने गुट के विधायकों, मंत्रियों को भी आमंत्रित नहीं किया है।
पायलट के अनशन के बीच CM का मास्टरस्ट्रोक!
पायलट के अनशन शुरू करने के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बड़ा ऐलान किया है। सीएम की ओर से ट्विटर पर एक वीडियो संदेश जारी कर सरकार की अहम योजनाओं का ऐलान किया गया है। गहलोत ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि मेरे प्यारे देशवासियों हमनें तय किया है कि 2030 तक राजस्थान को नंबर वन बनाना है और हम राज्य में अब महंगाई राहत कैंप लगाने जा रहे हैं क्योंकि आपका बोझ मेरा बोझ है। माना जा रहा है कि पायलट के अनशन से ध्यान हटाने के लिए गहलोत ने यह दांव चला है।
प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का जयपुर दौरा रद्द
इस बीच पायलट से बात करने के लिए जयपुर आ रहे प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का जयपुर दौरा रद्द हो गया है। अब बताया जा रहा है कि वह बुधवार को जयपुर पहुंच सकते है। कांग्रेस के राजस्थान मामलों के प्रभारी महासचिव सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि उन्होंने पायलट से बात की है और उनसे अपनी ही सरकार के खिलाफ जनता के बीच जाने के बजाय पार्टी के मंच पर मुद्दों को उठाने के लिए कहा है।
हम लोग अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे- रामलाल जाट
राजस्थान सरकार के मंत्री रामलाल जाट ने सचिन पायलट के उपवास के बीच कहा कि हम लोग अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। समस्या को एक मंच पर उठाना चाहिए। सीएम अशोक गहलोत के कार्यकाल में भ्रष्टाचार नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि पायलट के अनशन को सपोर्ट करने जयपुर के बाहर से भी समर्थक जुट रहे हैं।
बीजेपी का सवाल, 4 साल से सचिन पायलट चुप क्यों थे?
बीजेपी ने कहा कि सरकार का कलह चरम पर है। सचिन पायलट को यह सब बात विधानसभा में बोलना चाहिए था। पायलट का कहीं पर निगाह और कहीं पर निशाना हैं। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं। 4 साल से सचिन पायलट चुप क्यों थे। खनन आवंटन तो बीजेपी के सरकार के समय ही खत्म हो गया था। उनको पीड़ा है अपने अपमान की। कांग्रेस विघटन की और आगे जा रही है। किसी तरह मुख्यमंत्री जी अपनी कुर्सी बचा रहे हैं।
सड़क पर आ गया कांग्रेस का घमासान
पायलट के अनशन को लेकर बीजेपी ने निशाना साधा है। राजस्थान कांग्रेस मे घमासान सड़कों पर आ गया है। गहलोत सरकार में महिलाओं पर अत्याचार, दलित शोषण, खान घोटालों और पेपरलीक घोटाले मे कांग्रेस जन मौन क्यो है? पुजारी और संतो की मौत का जिम्मेदार कौन, तुष्टिकरण के मामलो से बहुसंख्यकों की विरोधी सरकार की दुर्गति निश्चित है।