जयपुर। विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े प्रदेश में सियासी घटनाक्रम बड़ी तेजी से बदल रहे हैं। जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे समय से चली आ रही तनातनी थोड़ी शांत हुई है। वहीं, बीजेपी में राज्य की सबसे बड़ी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही बाकी है, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान नहीं किया गया है। प्रदेश में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अहम भूमिका में है। आने वाले चुनाव में राजे को लेकर जितनी देर करेगी पार्टी को उतना ही अधिक नुकसान होगा।
राजस्थान में वसुंधरा राजे की भूमिका और दायित्व
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की भूमिका और दायित्वों को लेकर जितना अधिक देरी करेंगी पार्टी को उतना ही अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे सिन्धिया जनता में बहुत लोकप्रिय है। वे जमीन से जुड़ी हुई है और जनता में उनकी अच्छी पकड़ है। झारखंड में राजे को मिली बड़ी जिम्मेदारी के बाद माना जा रहा है कि उन्हें राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले यहां भी बड़ी जिम्मा सौंपा जाएगा। राजनीति के जानकार झारखंड में राजे को मिली जिम्मेदारी को संकेत मान रहे हैं।
प्रदेश में राजे जैसी कुशल रणनीतिकार, जुझारू और कद्दावर नेता नहीं
विशेष कर पूर्वी सीएम की सभाओं में महिलाएं स्वतः ही खींची चली आती है। प्रदेश भाजपा में वसुंधरा राजे के कद के मुक़ाबले कोई बड़ा नेता नही है, जो वर्तमान परिस्थितियों में अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार का मुक़ाबला कर सकें। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि भाजपा में राजे की स्थिति कमजोर रहती है तों पार्टी को काफी नुकसान होगा।
राजे ही बीजेपी की चुनावी वैतरणी को लगा सकती है पार
इसका सीधा फायदा कांग्रेस की गहलोत सरकार को मिलेगा। गहलोत सरकार वर्तमान में अपने महंगाई राहत शिविरों और लोकप्रिय योजनाओं से वोटरों को साध रहें है फिर साढ़े चार वर्षों के बाद भी प्रदेश में गहलोत सरकार के विरोध में कोई सत्ता विरोधी लहर नही दिखाई दे रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष युवा है और उनकी छवि भी अच्छी है। इसलिए यदि उन्हें चुनाव संचालन समिति की अध्यक्ष के रूप में वसुंधरा राजे जैसी कुशल रणनीति कार और जुझारू तथा क़द्दावर नेता का साथ मिल जायें तों भाजपा की चुनावी वैतरणी को पार करने की संभावनाओं को बल मिल सकता है।
राजे के बिना बीजेपी की राह आसान नहीं
सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी चुनाव में वसुंधरा राजे के चेहरे के बिना उतरती है तो राह आसान नहीं होगी। वजह यह है कि गहलोत सरकरा के खिलाफ जमीनी स्तर पर सत्ता विरोधी माहौल नहीं है। कांग्रेस के विधायकों के प्रति जन आक्रोश है। पार्टी विधायकों की टिकट काट देती है कि कांग्रेस की सरकार रिपीट हो सकती है। जानकारों का यह भी कहना है कि वसुंधरा राजे को सीएम फेस घोषित करने पर बीजेपी को लाभ मिल सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजस्थान बीजेपी में वसुंधरा राजे की कदकाठी का नेता भी नहीं है।
विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी गंभीर
इस वर्ष के अन्त में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की गंभीरता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं बल्कि बीजेपी के कई शीर्ष नेता केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेता लगातार राजस्थान के दौरे कर रहे हैं। इसी की में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रविवार को जयपुर आयें। उन्होंने कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा द्वारा शुरू किए गए “नहीं सहेगा राजस्थान” अभियान की शुरुआत की।
फिर उठी वसुंधरा को सीएम फेस घोषित करने की मांग
बीजेपी नेताओं ने वसुंधरा राजे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में आम जनता से लेकर कार्यकर्ता सब यही चाहते है। उनका कहना है कि बीजेपी की नैया पार वसुंधरा राजे ही लगा सकती है। नेताओं ने कहा कि वसुंधरा के नेतृत्व में पिछली बार 25 लोकसभा सीट निकली थी। एक बार फिर से 25 सीटें राजस्थान से निकालनी है तो उनको कमान सौंपने होगी।
36 कौम की नेता हैं वसुंधरा राजे
बीजेपी नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे एक बार फिर सीएम फेस के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं। यहां तक की उनके समर्थक भी कह चूके हैं कि पार्टी हाईकमान राजे के चेहरे पर ही राजस्थान के रण में उतरेगी। लेकिन हाल के दिनों में प्रदेश अध्यक्ष ने जिस तरह कहा कि सीएम फेस पर नहीं बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर चुनाव लड़ा जाएगा। यह बात वसुंधरा समर्थकों को कुछ खास रास नहीं आई है। राजे समर्थकों का दावा है कि वो 36 कौम की नेता हैं जिसकी वजह से पार्टी को इस बार के चुनाव में जीत अवश्य मिलेगी।
प्रदेश में वसुंधरा का क्रेज सबसे ज्यादा
बीजेपी नेता और उद्योगपति मेघराज लोहिया ने कहा कि राजस्थान में सबसे ज्यादा क्रेज वसुंधरा राजे का है। राजस्थान की जनता में सबसे लोकप्रिय नेता भी वसुंधरा राजे ही हैं। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष जगत नारायण जोशी ने कहा कि राजस्थान में दो बार प्रचंड बहुमत से बीजेपी वसुंधरा राजे के नेतृत्व में सरकार बना चुकी है। अगर केंद्रीय नेतृत्व सही निर्णय करे, तो प्रचंड बहुमत के साथ वसुंधरा राजे फिर से सरकार बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे ने दो बार राजस्थान की 25 की 25 लोकसभा सीट उनके नेतृत्व में निकाली है।