उदयपुर के होटल रेडिसन ब्लू में सम्पन्न हुए 18वें अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन में देश की सभी विधानसभाओं में डिजीटाईजेशन करने और ईविधान के जरिए उन्हें पेपरलेस करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। साथ ही वेल से आने के संबंध में सभी दलों द्वारा आचार संहिता बनाने पर जोर दिया गया। दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह में केन्द्रीय संसदीय मामलात राज्य मंत्री विजय गोयल एवं अर्जुनराम मेघवाल, राजस्थान विधानसभाध्यक्ष कैलाश मेघवाल, राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ एवं मुख्य सचेतक कालुलाल गुर्जर, संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव राजीव आदि ने संबोधित किया। राजस्थान सरकार की ओर से उदयपुर सम्मेलन में आए संभागियों को प्रतीक चिह्न भेंट किए गए।
केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय एवं राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय 18वें अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन में गहन चर्चा के बाद सामने आए सुझावों तथा निष्कर्षों को अमल में लाने के लिए हर स्तर पर सार्थक क्रियान्वयन के प्रयास होंगे। सम्मेलन समापन अवसर पर केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि डिजीटाईजेशन व पेपरलेस करने से पारदर्शिता को मजबूती मिलेगी। उन्होंने लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं में सदस्यों की अधिक से अधिक समय उपस्थिति सुनिश्चित करने, सचेतकों के लिए सुविधाओं व संसाधनों के साथ ही बेहतर प्रबंधन मुहैया कराने, विधानसभाओं की लोकोपयोगी कार्यवाही को उपयोगी बनाने के लिए इसे पुस्तकालयों में भिजवाने व इसके पठन के लिए सदस्यों को प्रेरित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
18वें अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए विधानसभाध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने देश के विभिन्न हिस्सों से आए संभागियों को राजस्थान के गौरवशाली इतिहास, कला-संस्कृति एवं परंपराओं के बारे में अवगत कराते हुए शक्ति एवं भक्ति की धरती उदयुपर में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राजनीति का चरित्र तेजी से बदल रहा है और ऎसे में बेहतर संतुलन के लिए संसदीय कार्य मंत्री, सचेतकगण व सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करना होगा।
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