जयपुर। राजस्थान के 129 स्थानीय निकायों में चुनाव करीब तीन महीनों के लिए टल सकता है। इसके लिए मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी अशोक गहलोत सरकार के सुर में सुर मिलाया है। बीजेपी का भी कहना है कि कोराना के कारण फिलहाल चुनाव संभव नहीं है। ऐसे में आयोग चुनाव को टाल दे तो बेहतर है। बीजेपी का कहना है कि वह लोगों की जान की कीमत पर हम चुनाव नहीं चाहती हैं। बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा आम जनता की जान की कीमत पर हम चुनाव नहीं चाहते। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चुनाव कराया गया तो केंद्र और राज्य सरकार की जो कोरोना गाइडलाइन है उसका पूरा पालन करना सुनिश्चित किया जाये। राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव पर निर्णय लेने के लिए गुरुवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनके विचार जाने। बैठक आयोग के आयुक्त पीसी मेहरा की अध्यक्षता में हुई।
राज्य सरकार ने किया है चुनाव टालने का अनुरोध
राज्य सरकार के यूडीएच विभाग ने हाल ही में राज्य निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखकर स्थानीय निकाय के चुनाव टालने का अनुरोध किया था। राज्य सरकार की चिट्ठी का जवाब देने के लिए आयोग ने विभिन्न विभागों के साथ बैठक करने के बाद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के विचार जाने हैं। अब आयोग राज्य सरकार को जवाब भेजेगा। आयोग के सूत्रों के अनुसार फिलहाल आयोग भी चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं है। हालांकि आयोग को अभी अंतिम निर्णय लेना है। लेकिन माना जा रहा है आयोग सरकार को जल्द जवाब भेज देगा।
31 अगस्त को हो रहा है कार्यकाल पूरा
प्रदेश के 129 स्थानीय निकायों का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है। ऐसे में अब माना जा रहा है कि राज्य सरकार उनमें प्रशासक लगाएगी। इससे पहले राज्य सरकार ने चुनाव से वंचित रही शेष बची हुई ग्राम पंचायतों, जिला परिषदों और पंचायत समितियों का कार्यकाल समाप्त होने पर प्रशासक लगा दिए थे।