मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे द्वारा सोमवार को विधानसभा में पेश किया गया राजस्थान बजट 2018-19 में न केवल किसानों का कर्ज माफ किया गया है बल्कि उन्हें लगान मुक्त करने का ऐतिहासिक काम भी किया गया है। यह बजट सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है। यह कहना है राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी का, जो राजस्थान बजट 2018-19 पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त कृषकों की शास्तियों और ब्याज माफी की घोषणा को ऐतिहासिक बताया है। साथ ही 50 हजार तक के कर्जे की एक बारीय माफी से किसानों को राहत मिलने की बात भी कही है।
कृषि मंत्री ने कहा कि ‘मौजूदा बजट को देखकर लगता है, सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता दिखाई है जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों के कल्याण लिए कभी भी ईमानदारी से कार्य नहीं किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के पर ड्रॉप-मॉर क्रॉप के विजन को साकार करने में फार्म पौंड और डिग्गी पर जो अनुदान बढ़ाया गया है, वह मददगार सिद्ध होगा। बजट में फार्म पौण्ड निर्माण पर पूर्व में देय लागत 52 हजार 500 रुपए को बढ़ाकर 63 हजार रुपए, जल हौज निर्माण पर वर्तमान में देय 75 हजार रुपए को बढ़ाकर 90 हजार रुपए और डिग्गी निर्माण पर वर्तमान में दी जा रही अनुदान राशि 2 लाख रुपए को बढ़ाकर 3 लाख रुपए किया गया है।’
read more: आमजन के हितों पर खरा उतरता है मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का बजट 2018-19
आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा कि बजट 2018-19 में ग्रीन हाऊस और पॉली हाऊस निर्माण की मांग को देखते हुए राज्य योजना मद से 32 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान स्वागत योग्य है। सोलर पंप सेट पर दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर 75 प्रतिशत तक किया गया है, जिससे प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
किसानों की लंबे समय से मांग थी कि सरसों और चने की समर्थन मूल्य पर खरीद हो। इस मांग को बजट 2018-19 में शामिल करते हुए अब राजफैड के माध्यम से इन जिंसों की खरीद की जाएगी। पूर्व में भी दलहन और तिलहन पर मुख्यमंत्री ने उदारता दिखाते हुए मंडी शुल्क में रियायत दी थी, जो इन जिंसों के लिए भी जारी रहेगी।
read more: विधानसभा में शायराना अंदाज में नज़र आई मुख्यमंत्री