राजस्थान में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में जीत का सपना देख रही कांग्रेस की युवाओं विरोधी करतूतें सामने आ रही है। प्रदेश में बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की बात करने वाली कांग्रेस ही युवाओं के रोजगार में रोड़ा बन गई है। प्रदेश के साढ़े 17 लाख युवाओं की मेहनत और उनके भविष्य से खिलवाड़ करने का काम करते हुए कांग्रेस ने REET लेवल प्रथम की 26,000 शिक्षक भर्तियों पर रोक लगवा दी है। इससे प्रदेश के 26 हजार युवा बेरोजगारों को नियुक्ति नहीं मिल सकी।
2013 के विधानसभा चुनाव से पहले वसुंधरा राजे ने प्रदेश में सुराज संकल्प यात्रा निकाली थी। इस दौरान अपने घोषणा पत्र में राजे ने 15 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही थी। सुराज संकल्प के वादे को निभाते हुए 15 लाख युवाओं को रोज़गार देने के क्रम में वसुंधरा सरकार ने 54,000 तृतीय श्रेणी अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर फरवरी 2018 में परीक्षा आयोजित करवाई और अप्रैल 2018 तक इसका परिणाम भी घोषित कर दिया। अब बारी थी अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की। लेकिन युवाओं को कांग्रेस के कारण नियुक्ति नहीं मिल रही है।
मात्र तीन माह में पूरी हुई भर्ती प्रक्रिया की सफलता रास नहीं आई कांग्रेस को
खुद को युवा हितैषी बताने का ढोंग करने वाली कांग्रेस को मात्र तीन माह में पूरी हुई वसुंधरा सरकार की इस भर्ती प्रक्रिया की सफलता रास नहीं आई। परिणाम के चार दिन बाद ही कांग्रेसी कार्यकर्ता महेन्द्र जाटोलिया और कमलेश चौधरी ने कांग्रेसी वकील विज्ञान शाह के माध्यम से उच्च न्यायालय में निराधार आरोपों के साथ याचिका दाखिल कर दी। इस पर वसुंधरा सरकार ने अपनी सुझबूझ दिखाई और अनुभवी वकीलों की टीम तैयार कर अधर में लटकी इस भर्ती को संकट से निकाल दिखाया। मई, 2018 में हाइकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने के आदेश दिए। लेकिन कांग्रेस ने जैसे मानो युवाओं के भविष्य को अंधकार में डालने की सौगंध ही खा रखी थी। कांग्रेस ने फिर अपने घटियापन दिखाने से बाज नहीं आई और वापस अदालत का दरवाजा खटखटाया कर युवाओं को रोजगार देने से रोक दिया।
कांग्रेस ने वापस हाइकोर्ट का दरवाज़ा को खटखटाया
हाइकोर्ट के भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अधिवक्ता आरएन माथुर मैदान में उतरे और फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए हाइकोर्ट की खण्डपीठ में मामले को घसीटा। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद उच्च न्यायालय ने 8 अक्टूबर को याचिका खारिज कर भर्तियों पर से स्टे हटाने का निर्णय लिया जिसे तुरंत विभाग द्वारा निर्वाचन आयोग के पास स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया। यह कांग्रेस की हताशा ही थी कि राजस्थान पीसीसी द्वारा 16 अक्टूबर को निर्वाचन आयोग को भर्ती प्रक्रिया रोकने के संबंध में एक पत्र लिखा गया। जिसका नतीजा अब हम सबके सामने हैं।
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कांग्रेस ने आदर्श आचार संहिता की दुहाई देकर 17 लाख युवाओं को वोट बैंक की घिनौनी राजनीति से कुचला। कांग्रेस पिछले छह माह से 26,000 मेहनती अभ्यर्थियों के उज्जवल भविष्य को अंधकार में धकेलने की कोशिश कर रही है। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में नियुक्ति का इंतजार कर युवाओं को क्या पता था युवा हितैषी होने का ढोंग करने वाली गहलोत-पायलट की जोड़ी खलनायक की भूमिका निभाएगी।